कलकत्ता हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एकलपीठ का फैसला पलटा। एकलपीठ ने ममता बनर्जी की टीएमसी सरकार के इस तर्क को सही माना था कि भाजपा की रैली से बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है।
बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने बड़ा झटका देते हुए कहा कि भाजपा को राज्य में रथ यात्रा निकालने की अनुमति देने से सीधे इनकार नहीं किया जा सकता। शुक्रवार को खंडपीठ ने राज्य के अधिकारियों को भाजपा के तीन प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रथयात्रा के मार्ग और अन्य व्यवस्थाओं को तय करने को कहा है।
अब राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस प्रमुख भाजपा के तीन नेताओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ 12 दिसंबर को बैठक कर रथ यात्रा पर कोई फैसला लेंगे। कोर्ट का स्पष्ट कहना है कि रैली हो सकती हैं लेकिन यह शांतिपूर्वक होनी चाहिए। भाजपा को इस बैठक से पहले कोई भी यात्रा निकालने की अनुमति नहीं होगी।
खंडपीठ ने रैली के आयोजन की अनुमति से सीधे इनकार के राज्य सरकार के फैसले को सही ठहराने के एकलपीठ के फैसले की भी आलोचना की। जस्टिस समाद्दार ने कहा, 'एकलपीठ द्वारा दिया गया फैसला कानूनी त्रुटि है। मैं एकलपीठ के फैसले में बदलाव का प्रस्ताव करता हूं।' इससे पहले, ममता बनर्जी सरकार हाईकोर्ट की एकलपीठ को यह समझाने में कामयाब रही थी कि कि भाजपा की रथ यात्रा से राज्य में हिंसा भड़कने का अंदेशा है। इसके लिए ममता सरकार ने 15 पेज की 'खुफिया रिपोर्ट' को आधार बनाया था। हालांकि इस तर्क से खंडपीठ प्रभावित नहीं हुई।
रथ यात्रा की अनुमित न दिए जाने पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने ममता सरकार को चुनौती देते हुए कहा था कि अगर उसमें दम है तो वह भाजपा की रथ यात्रा को 'रोककर दिखाए।' भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पश्चिम बंगाल में 'हम निश्चित तौर पर यात्राएं निकालेंगे और हमें कोई नहीं रोक सकता। पश्चिम बंगाल में बदलाव के प्रति भाजपा प्रतिबद्ध है। 'यात्राएं' रद्द नहीं, सिर्फ स्थगित हुई हैं।' उन्होंने कहा कि यात्राओं की इजाजत लेने के लिए उनकी पार्टी न्यायिक प्रक्रिया का पालन करेगी। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक दिन पहले भाजपा को कूचबिहार में 'रथयात्रा' निकालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था क्योंकि राज्य सरकार ने ऐसा होने पर हिंसा का अंदेशा जताया था। शाह इन यात्राओं को शुक्रवार को हरी झंडी दिखाने वाले थे। भाजपा ने खंडपीठ के समक्ष अपील की थी।
शाह के मुताबिक, भाजपा की बढ़त से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी डरी हुई हैं और उसे तीन 'यात्राओं' की अनुमति नहीं देकर वह प्रदेश में लोकतंत्र का "गला घोंट" रही हैं। ममता बनर्जी सरकार से इजाजत नहीं मिलने और अदालत से भी राहत नहीं मिलने के कारण भाजपा को राज्य में तीन 'रथ यात्राएं' रद्द करना पड़ी थी। ममता बनर्जी और उनकी पार्टी पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि राज्य के लोग बदलाव के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में पंचायत चुनाव में इस सरकार में जितनी हिंसा हुई उतनी वाम मार्चा की सरकार में भी नहीं हुई थी।