उमरिया गांव के के 37 लोगों की गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को वहां पहुंचे पूर्व सांसद यादव ने बयान में कहा था कि देश में अमन-चैन कायम रखने के लिए अब सपा को ‘भोले’ और ‘राम’ से भिड़ना पड़ेगा।
बरेली, उत्तर प्रदेश- बरेली जिला पुलिस ने सपा के पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने के सिलसिले में मामला दर्ज किया है।
बिथरी चैनपुर थाना में तैनात दारोगा बृजपाल सिंह की तहरीर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज जी. ने यादव के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। जिसके बदा मंगलवार की रात को मामला दर्ज किया गया।
बृजपाल सिंह ने बताया कि पिछले महीने बिथरी चैनपुर के उमरिया-खजुरिया गांव में कांवड़ यात्रा निकालने को लेकर हुए साम्प्रदायिक विवाद में मुस्लिम समुदाय के 37 लोगों की गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को उमरियां गांव पहुंचे पूर्व सांसद यादव ने बयान में कहा था कि देश में अमन-चैन कायम रखने के लिए अब सपा को ‘भोले’ और ‘राम’ से भिड़ना पड़ेगा।
सिंह के मुताबिक इलाके में गश्त के दौरान उन्हें यह भी पता लगा कि पूर्व सांसद ने कांवड़ियों पर टिप्पणी करते हुए उन्हें अपशब्द कहे थे। यादव के विवादित बयान का वीडियो वायरल होने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया था।
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने कुछ लोगों ने परम्परा के विपरीत उमरिया गांव से कांवड़ यात्रा निकालने की कोशिश की थी, जिसे प्रशासन ने रोक दिया था। उमरिया के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी कांवड़ यात्रा निकाले जाने की कोशिश का उग्र विरोध किया था। इस मामले में बिथरी चैनपुर थाने में उमरिया के 250 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
पिछले 21 सितंबर को मुहर्रम के दिन खजुरिया के निवासी ग्रामीणों ने ताजिये के जुलूस का रास्ता बंद कर दिया था। इस मामले में पुलिस ने 16 लोगों को गिरफ्तार किया, जिन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। इसके विरोध में उमरिया गांव के लोगों की भीड़ ने उसी रात खजुरिया गांव पर धावा बोलने की कोशिश की थी और रास्ते में आई पुलिस पर हमला कर दिया था। इस मामले में दोनों पक्षों के 700 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इनमें से 100 नामजद हैं। इस प्रकरण में उमरिया के 41 और खजुरिया के 16 लोग जेल में हैं, जबकि सैकड़ों की संख्या में गिरफ्तारियां होनी बाकी हैं।
पुलिस अधीक्षक (नगर) अभिनन्दन सिंह का कहना है कि नामजद आरोपियों के खिलाफ उनके पास पर्याप्त सबूत हैं।
बहरहाल, गिरफ्तारी के डर से उमरिया और खजुरिया के पुरुष गांव छोड़कर भाग चुके हैं।