सीबीआई को है उस 'कुत्ते' की तलाश जिसे बिचौलिये मिशेल ने डाली थी 'हड्डी'!

By Gopal Krishan  |  First Published Dec 28, 2018, 4:13 PM IST

अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल के उपर सीबीआई और ईडी का दबाव बढ़ गया है। जांच एजेन्सी की पूछताछ इस बात पर केन्द्रित हो गई है कि आखिर वह कुत्ता कौन है, जिसे हड्डी डालने की बात क्रिश्चियन मिशेल अपने साथियों के साथ होने वाली बातचीत में कर रहा है। 

सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय अगस्ता वेस्टलैंड के वरिष्ठ अधिकारियों व मिशेल, गुडो हैशके और कार्लो गेरोसा के बीच हुई बातचीत को डिकोड करने की कोशिश कर रही है। 

मिशेल और अन्य के साथ हुई बातचीत आठ फरवरी 2008 की बताई जा रही है। इस बातचीत के दौरान वीवीआईपी  हेलिकॉप्टर सौदा में विभिन्न लोगो को शामिल करने की चर्चा हो रही है। 

कहा जा रहा है जिन लोगों को डील में शामिल करने की चर्चा की गई। उनमें सीवीसी, डिफेंस सेक्रेटरी, रक्षा मंत्रालय में जॉइंट सेक्रेटरी (एयर), वायुसेना के मेंटेनेंस कमांड और हेलिकॉप्टरों की फ्लाइट इवैल्युएशन टीम शामिल थे। 

सीबीआई और ईडी को शक है कि इस बारे में मिशेल ने एक नोट लिखा। सूत्रों की माने तो नोट में जीएच को लंच के लिए शुक्रिया अदा किया गया। साथ ही कहा गया कि उम्मीद है कुत्ते को हड्डी पसंद आयी होगी।

इसलिए अब सीबीआई को उस कुत्ते की तलाश है, जिसे हड्डी दी गई थी। सीबीआई और ईडी को इस बात का शक है कि सौदे से जुड़ा भारत का कोई शख्स इस लंच में मौजूद था और उसका ही जिक्र कुत्ते के तौर पर इस नोट में किया गया। 

गुडो हश्के पर आरोप है कि वह अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी के लिए वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी के भाई के जरिये लॉबिंग कर रहा था। एजेंसी को यह भी शक है कि हश्के राजनेताओं, नौकरशाहों और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के संपर्क में भी था।

 नोट से यह भी पता चला है कि मिशेल को इस बात की जानकारी थी कि हेलीकॉप्टरो की फ्लाइट इवैल्युएशन टीम अमेरिकी सिरोस्की एस 92 और अगस्ता के एमडब्ल्यू 101 हेलीकॉप्टर के मुआयने के बाद दिल्ली में 14 फरवरी को लौटेगी। 

मिशेल ने अपने नोट में यह भी कहा है कि अगले दो महीने बेहद मुश्किलें भरे होंगे और कंपटीशन में बने रहने के लिए यही मौका है। 

क्रिश्‍च‍ियन मिशेल के एक पत्र से यह भी चौकाने वाला खुलासा हुआ है। इस पत्र में मिशेल ने दावा किया था कि उसकी पहुच तत्कालीन यूपीए सरकार की संवेदनशील बैठकों तक थी।
 

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