केन्द्र सरकार ने किसानों को बढ़ी राहत दी है। कोरोना लॉकडाउन के कारण कृषि कार्य रूक गए थे और गेहूं की फसल मंडियों तक नहीं पहुंच रही थी। वहीं पिछले दिनों आयी बारिश के कारण गोदाम और खेतों में पड़ी फसल को नुकसान हुआ था।
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने देश के अन्नदाता को बड़ा तोहफा दिया है। केंद्र सरकार ने धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी में 53 रुपये की बढ़ोतरी की है। सरकार ने 53 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर वर्तमान सत्र के लिए धान का समर्थन मूल्य 1,868 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। केन्द्र सरकार ने किसानों को बढ़ी राहत दी है। कोरोना लॉकडाउन के कारण कृषि कार्य रूक गए थे और गेहूं की फसल मंडियों तक नहीं पहुंच रही थी।
वहीं पिछले दिनों आयी बारिश के कारण गोदाम और खेतों में पड़ी फसल को नुकसान हुआ था। वहीं अब सरकार ने किसानों को राहत देते हुए धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में न्यूनतम 53 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की है। इसके बाद धान का मूल्य 1,868 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। वहीं केन्द्र सरकार ने तिलहन, दलहन और अनाज की दरों में भी बढ़ोतरी की गई।
सरकार ने कपास की एमएसपी 260 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाई है। स्टेपल किस्म के कपास के लिए 5,515 रुपये जबकि लंबे स्टेपल किस्म के लिए 275 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर5,825 रुपये तक बढ़ाई है। वहीं सरकार ने बाजरे का समर्थन मूल्य 640 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर इसे 2,640 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। वहीं रागी का एमएसपी 145 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 3,295 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है और मक्का का 90 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है और इसके बाद इसका मूल्य 1,850 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।
इसी तरह ज्वार के समर्थन मूल्य में इस वर्ष 70 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। इसके साथ ही सरकार ने किसानों को कर्ज को लेकर भी बड़ी राहत दी है। सरकार ने कृषि और इससे संबंधित गतिविधियों के लिए के लिए 3 लाख रुपये तक के अल्पकालिक फसली ऋण को चुकाने की तारीख अब 31 अगस्त तक बढ़ा दी है। सरकार ने कहा कि धान खरीफ की मुख्य फसल है, जिसकी बुवाई अब तक 35 लाख हेक्टेयर में शुरू हो चुकी है। केन्द्र सरकार ने "कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिश पर 14 खरीफ फसलों के एमएसपी को बढ़ाने की मंजूरी दी है।