जिस कांड से हरियाणा विधानसभा की गरिमा तार-तार हुई वो अब सियासी नफा-नुकसान का मुद्दा बनाया जा रहा है। कांग्रेस विधायक करण दलाल पर जूता तानने की घटना सही थी या गलत, इसपर अभय चौटाला सभाओं में फीडबैक ले रहे हैं। विडंबना तो ये कि जो कांड सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया उसे आईएनएलडी और बीएसपी कार्यकर्ताओं द्वारा जायज कहा जा रहा है।
हरियाणा विधानसभा में जूता प्रकरण पर इनेलो-बसपा की सभाओं चर्चा हो रही है। विधानसभा में विधायक करण दलाल व प्रतिपक्ष नेता अभय चौटाला के बीच जूता दिखाने के मामले में अभय चौटाला कार्यकर्ताओं के बीच जाकर फीडबैक ले रहे हैं। इसका उदाहरण इनेलो-बसपा के चरखी दादरी में कार्यकर्ता मीटिंग में देखने को मिला।
कार्यकर्ता मीटिंग में अभय चौटाला ने कार्यकर्ताओं से पूछा कि क्या जूता दिखाना सही था? कार्यकर्ता ने तालियां बजाकर अभय चौटाला का समर्थन किया और कुछ ने तो इतना तक बोला कि दिखाने की बजाए मारे देते तो सही होता।
अभय चौटाला सोमवार को चरखी दादरी में इनेलो-बसपा कार्यकर्ता मीटिंग को संबोधित करने पहुंचे थे। अपने भाषण के दौरान अभय ने कहा कि स्व. देवीलाल ने हर वर्ग का भला करते हुए हरियाणा को विकास के पथ पर आगे बढ़ाते हुए कार्य किया। अगर कोई स्व. देवीलाल के बारे में अभद्र टिप्पणी करें तो सहन नहीं होगी। इसलिए विधानसभा में करण दलाल को जूता दिखाया था।
चौटाला ने कार्यकर्ताओं से कहा कि कांग्रेसी नेताओं ने इनेलो नेताओं को जेल भेजा था। गठबंधन की सरकार आने पर ऐसे नेताओं को उनके कर्म के बारे में बताएंगे।
बता दें कि 11 सितंबर को हरियाणा विधानसभा में दो विधायकों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि एक दूसरे पर जूते निकाल लिए। विधानसभा में कांग्रेस के विधायक करण सिंह दलाल और इनेलो विधायक व नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला आपस में भिड़ गए थे। देखते ही देखते बात इतनी आगे बढ़ गई कि सदन की मर्यादा का भी ख्याल नहीं रखा गया और गाली-गलौज के बाद जूते निकाल लिए थे।