असल में राहुल गांधी ने लोगसभा चुनाव के दौरान देश में न्याय योजना को शुरू करने का वादा किया था। राहुल गांधी ने कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार देश में आती है तो वह इस योजना को शुरू करेंगे और इससे देश के किसानों को सीधे तौर पर फायदा होगा।
रायपुर। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने राज्य में 21 मई से राजीव गांधी किसान न्याय योजना को शुरू करने का फैसला किया है। इसे योजना के शुरू होने से राज्य के करीब 20 लाख किसानों को फायदा होगा। राज्य सरकार ने इसके लिए 5,100 करोड़ रुपये का बजट रखा है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस शासित राज्यों में पहले राज्य है जहां पर राज्य सरकार ने राहुल गांधी की इस योजना को शुरू किया है। देश में पांच राज्यों में कांग्रेस और उसकी समर्थित सरकारें हैं।
असल में राहुल गांधी ने लोगसभा चुनाव के दौरान देश में न्याय योजना को शुरू करने का वादा किया था। राहुल गांधी ने कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार देश में आती है तो वह इस योजना को शुरू करेंगे और इससे देश के किसानों को सीधे तौर पर फायदा होगा। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर 21 मई से शुरू होने वाली राज्य सरकार की राजीव गांधी की किसान न्याय योजना के तहत धान, मक्का, और गन्ने (रबी) फसलों के धन को आदान-प्रदान किसानों के खाते में स्थानांतरित किया जाएगा। खरीफ वर्ष 2019 में पंजीकृत और अधिग्रहित क्षेत्र का आधार किसानों के पैसा मिलेगा।
जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार की इस योजना से 20 लाख किसानों को सीधे मदद मिलेगी और इसके लिए राज्य सरकार ने 5,100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। असल में 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान तत्कालीन कांग्रेस प्रमुख और सांसद राहुल गांधी ने न्याय योजना को लागू करने का वादा किया था। लेकिन कांग्रेस चुनाव में बुरी तरह से हार गई थी। राहुल गांधी ने वादा किया था कि सत्ता में आने पर किसानों के खाते में सीधे बैंक धन का हस्तांतरण किया जाएगा। इससे गरीबों को न्यूनतम आय सहायता मिल सकेगी। इससे पहले, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार ने लगभग 18 लाख किसानों के लिए 8,800 करोड़ रुपये का ऋण माफ किया था।
राज्य सरकार का दावा है कि राज्य में लॉकडाउन की अवधि के दौरान, छत्तीसगढ़ सरकार ने महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत बड़े पैमाने पर रोजगार उत्पन्न पैदा किए हैं और इसका लाभ 23 लाख ग्रामीणों को सीधे तौर पर मिला है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ का 44 प्रतिशत क्षेत्र वनों से घिरा है और यहां पर 31 प्रतिशत आबादी आदिवासी समुदायों की है। सरकार का कहना है कि राज्य में आदिवासियों की आय बढ़ाने के लिए बाजार मुक्त बाजार प्रणाली को शुरू किया गया है। इससे वन उत्पादों की सही कीमत आदिवासियों को मिल रही है। राज्य में तेंदू पत्ता के प्रति बैग की कीमत में 4000 रुपये की वृद्धि हुई है।