चीन लगातार भारत के खिलाफ साजिश कर रहा है। लिहाजा अब उनसे सीमा विवाद के बाद युद्ध का अभ्यास करना शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन तिब्बत में भारत चीन सीमा के पास के युद्ध का अभ्यास कर रहा है। लिहाजा अब भारत और चीन के बीच विवाद गहराता जा रहा है। चीनी सेना युद्ध में प्रयोग होने वाले हथियारों से अभ्यास कर रही है।
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच उपजे विवाद के बीच चीन युद्ध की तैयारी कर ली है। चीन हालांकि विवाद को बातचीत से सुलझाने की बात कर है। लेकिन उसके सैनिक सीमा के पास तिब्बत में युद्ध की तैयारियों में जुटे हैं। चीनी सेना रात में युद्ध का अभ्यास कर रही है। ताकि किसी की नजर में न आए। उधर भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि वह ड्रैगन की किसी भी चाल में नहीं फंसेगा।
चीन लगातार भारत के खिलाफ साजिश कर रहा है। लिहाजा अब उनसे सीमा विवाद के बाद युद्ध का अभ्यास करना शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन तिब्बत में भारत चीन सीमा के पास के युद्ध का अभ्यास कर रहा है। लिहाजा अब भारत और चीन के बीच विवाद गहराता जा रहा है। चीनी सेना युद्ध में प्रयोग होने वाले हथियारों से अभ्यास कर रही है। जानकारी के मुताबिक चीनी सेना रात में अभ्यास कर रही है। ताकि युद्ध की स्थिति में वह रात में जंग कर सके। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना तिब्बत कमांड के ऊंचाई वाले इलाकों में तैयारियों को अंजाम दे रही है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना ने तिब्बत के तंग्गुलिया माउंटेन कि तरफ निशाना बनाकर युद्ध का अभ्यास किया और इस दौरान गाड़ियों की लाइटों को बंद कर दिया गया और नाइट विजन डिवाइसेज के जरिए इसका अभ्याय किया गया। इस रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना ने 2000 से ज्यादा मोर्टार, राइफल ग्रेनेड, एंटी टैंक रॉकेट का प्रयोग किया। पूरा अभ्यास चीनी सेना के कमांडर मा किन की अगुवाई में किया गया है। हालांकि एक तरफ चीन युद्ध का अभ्यास कर रहा है वहीं दूसरी तरफ वह भारत से बातचीत का दावा कर रहा है। हालांकि भारत ने भी साफ कर दिया है कि वह ड्रैगन की किसी भी चाल में नहीं आएगा।
मोदी को जी-7 का मिला न्यौता, ड्रैगन बौखलाया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के पीएम नरेन्द्र मोदी को जी-7 देशों के होने वाले सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया है। इसके बाद चीन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। चीन को लग रहा है कि अमेरिका और भारत उसके खिलाफ चक्रव्यूह बना रहा है। लिहाजा चीन अमेरिका के भारत को दिए गए प्रस्ताब को बौखलाया हुआ है। वहीं अमेरिका ने इसके साथ ही चार अन्य देशों को न्यौता दिया हुआ है। अमेरिका जी-7 का अध्यक्ष है और पिछले साल फ्रांस इसका अध्यक्ष था। तब फ्रांस ने भी भारत के पीएम नरेन्द्र मोदी को जी-7 की बैठक में बुलाया था। उस वक्त भी चीन ने इसके लिए प्रतिक्रिया दी थी।