जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादियो की सूची में डालने का मामला फिर से अटक सकता है। चीन इस मामले में फिर से टांग अड़ाने की तैयारी में है।
चीन ने यह साफ कर दिया है कि वह संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक आतंकियों की सूची में जैश ए मोहम्मद सरगना मसूद अजहर का नाम शामिल होने नहीं देगा।
चीन ने मंगलवार को यह साफ कर दिया कि वह इस मामले में अपने पुराने रुख पर कायम रहेगा। भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग पर सोमवार को नई दिल्ली में उचच्स्तरीय बैठक हुई थी।
बैठक की सह अध्यक्षता गृह मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के स्टेट काउंसलर और सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री झाओ केझी ने की थी।
इस बैठक में भारत ने चीन से संयुक्त राष्ट्र में अज़हर को वैश्चिक आतंकियों की सूची में सामिल करने के मामले पर समर्थन करने के लिए कहा था।
जिसपर चीन का जवाब था कि इस मामले में चीन अपने पुराने रुख पर कायम रहेगा।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चुनइंग ने बैठक के अगले दिन बयान दिया कि मसूद को सूची में शामिल करने के भारत के अनुरोध पर हम पहले ही रुख स्पष्ट कर चुके हैं और उस पर कायम हैं।
जैश ए मोहम्मद सरगना मसूद अजहर भारत में कई बड़े आतंकी हमलों का आरोपी है। इनमें 2016 में कश्मीर के उरी सैन्य शिविर पर हुआ हमला भी शामिल है जिसमें 17 सुरक्षा कर्मियों की मौत हुई थी।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन स्थायी सदस्य है और इसके पास वीटो की ताकत है। चीन ने बार-बार संयुक्त राष्ट्र में अज़हर को वैश्विक आतंकी की सूची में शामिल करने की भारत की कोशिश में बाधा डाली है।