यूपी के ‘लोकल उत्‍पाद’ दे रहे चीन के उत्‍पादों को टक्‍कर

By Team MyNation  |  First Published Oct 28, 2020, 12:33 PM IST

देवरिया जनपद में ओडीओपी के तहत काम कर रहे हजारों लोगों में से सफलता की इबारत गढ़ने वाली पूजा शाही और विवेक सिंह हैं। साल 2008 में महज अपनी मम्‍मी और चाची के साथ हैंडिक्राफ्ट का छोटा सा काम शुरू करने वाली पूजा शाही आज पूजा शाही इंटरप्राइजेज से 400 महिलाओं को रोजगार दे रही हैं। 

नई दिल्ली। ‘लोकल फॉर वोकल’ और ‘आत्‍मनिर्भर भारत’ की राह पर बढ़ते यूपी के कदम इस दिवाली चीनी उत्‍पादों को टक्‍कर दे रहे हैं। चीनी उत्‍पादों के बहिष्‍कार के चलते यूपी में बनने वाले लोकल उत्‍पादों की मांग बाजार में काफी बढ़ गई है। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने ‘एक जनपद एक उत्‍पाद’ से यूपी के व्‍यपारियों के लिए एक ओर आर्थिक उन्‍नति की नई राहें खोल दी है वहीं प्रदेश के उत्‍पादों का लोहा देश ही नहीं विदेशों में भी बेाल रहा है। गोरखपुर मंडल के अन्‍तर्गत देवरिया जनपद में तकरीबन 1500 लोगों के व्‍यापार को नई गति मिली है। इन उत्‍पादों को ओडीओपी के तहत राष्‍ट्रीय-अन्‍तर्राष्‍ट्रीय मंच पर प्रस्‍तुत करने का मौका मिल रहा है।

देवरिया जनपद में ओडीओपी के तहत काम कर रहे हजारों लोगों में से सफलता की इबारत गढ़ने वाली पूजा शाही और विवेक सिंह हैं। साल 2008 में महज अपनी मम्‍मी और चाची के साथ हैंडिक्राफ्ट का छोटा सा काम शुरू करने वाली पूजा शाही आज पूजा शाही इंटरप्राइजेज से 400 महिलाओं को रोजगार दे रही हैं। ओडीओपी से जुड़ने के बाद आज पांच हजार महिलाएं उनकी टीम का हिस्‍सा हैं। वर्चुअल फेयर से लेकर ऑनलाइन प्‍लेटफार्म के जरिए उनके उत्‍पाद यूपी समेत देश और विदेश में भी धूम मचा रहे हैं।

2.5 करोड़ की हुई आमदनी

गोरखपुर मंडल के देवरिया की 150 यूनिट में 1500 कारीगर जुड़े हैं। पिछले साल एक करोड़ का टर्नओवर इस साल बढ़कर डेढ़ करोड़ हो गया है। देवरिया के उत्‍पाद बिहार, वेस्‍ट बंगाल, लखनऊ, वाराणसी, दिल्‍ली समेत सिंगापुर और यूएस में निर्यात होते हैं। ओडीओपी की शुरूवात से अब तक यहां के उत्‍पादों से 2.5 करोड़ की आमदनी हुई है।

 

भयमुक्‍त होकर ग्रामीण महिलाएं कर रही काम

पूजा कहती हैं कि हैंडिक्राफ्ट के काम को पहचान तब मिली जब 24 जनवरी 2018 को प्रदेश सरकार ने इसे ओडीओपी में शामिल करा दिया। मुझे पांच लाख रुपए तक का लोन राज्‍य सरकार द्वारा ओडीओपी के तहत मिला है। इस योजना के शुरू होने से पहले जहां मैं केवल 50 पीस तैयार कर पाती थी वहीं अब प्रतिदिन 500 पीस तैयार करती हूं। उन्‍होंने बताया कि सजावटी सामान, इम्‍यूनिटी गुड़, अचार, हैंडिक्राफ्ट, दीए, मोम्‍बत्‍ती जैसे उत्‍पादों की मांग यूएस, दुबई समेत देश के अलग-अलग राज्‍यों में बढ़ गई है। ओडीओपी से मांग और उत्‍पादन में 60 से 80 प्रतिशत की बढ़ोत्‍तरी हुई है वहीं अब मेरे साथ 500 महिलाएं अपने स्‍वरोजगार के सपने को पूरा कर पाई हैं। उन्‍होंने कहा कि ओडीओपी के साथ अब योगी जी के ‘मिशन शक्ति’ अभियान से ग्रामीण महिलाएं भयमुक्‍त होकर काम कर पाएंगी।

देवरिया के झालर झूमर से विदेश भी हो रहा रोशन

देवरिया के विवेक सिंह ने बताया कि वीएस एनेर्जी इंटरप्राइजेज से डेकोरेटिव हैडिक्राफ्ट और बैंबू लाइट का व्‍यापार करता हूं। उन्‍होंने बताया कि हमारे द्वारा तैयार की गई लाइट, झूमर और झालर की मांग नाइजेरिया, अफ्गानिस्‍तान, दुबई समेत देश के अलग राज्‍यों में मांग बढ़ रही है। उन्‍होंने बताया कि मिशन शक्‍त‍ि और महिलाओं को आत्‍मनिर्भर बनाने के लिए इस योजना के तहत सीधे तौर पर 3000 महिलाओं को रोजगार दिया है। इसके साथ ही देवरिया और दूसरे राज्‍यों में ग्रो सेंटर बनाकर महिलाओ को एक ही छत के नीचे ट्रेनिंग दी जा रही है।

चीन के माल को दे रहे टक्कर

 दीपावली पर देवरिया की झालरों, सजावटी सामान, हैंडिक्राफ्ट, दीए और मोम्‍बत्‍ती ने बाजारों में चीन के उत्‍पादों को टक्‍कर दे रहे हैं। यूपी सरकार ने हैंडिक्राफ्ट के व्‍यापार से जुड़े लोगों को चीन के टक्‍कर की झालरों, सजावटी सामान के टक्कर की मूर्तियां बनाने के लिए न सिर्फ प्रोत्साहित किया बल्कि जरूरी सहायता भी उपलब्ध कराई है। नई डिजाइन के सांचे उपलब्ध कराए हैं। रंगों के संयोजन के लिए विशेषज्ञों के जरिए प्रशिक्षण भी दिलाया गया है। नतीजतन, अब यहां के आकर्षक सामान बन रहे हैं।
 

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