दाऊद और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई पर रॉ-सीआईए के शीर्ष अधिकारियों में चर्चा

By ankur sharmaFirst Published Sep 17, 2018, 6:54 PM IST
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भारतीय खुफिया दल की अपने अमेरिकी समकक्षों से यह मुलाकात सप्ताहांत में उसी समय हुई, जब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल पूर्व सीआईए चीफ और विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से मिलने अमेरिका पहुंचे थे। 

भारत और अमेरिका के विदेश एवं रक्षा मंत्रियों की '2 प्लस 2' वार्ता के तुरंत बाद देश की खुफिया एजेंसी रॉ (रिसर्च एंड एनॉलिसिस विंग) और अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के अधिकारियों की गत सप्ताह के अंत में वाशिंगटन में मुलाकात हुई है। इसमें मोस्ट वांटेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम और पाकिस्तान परस्त आतंकी संगठनों पर कार्रवाई की भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की गई। दाऊद और पाकिस्तान परस्त आतंकी भारत के साथ-साथ अफगानिस्तान में अमेरिकी हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं। दोनों एजेंसियों के बीच भारत और अमेरिका में आईएसआईएस के बढ़ते खतरे पर भी चर्चा हुई है। 

भारतीय खुफिया दल की अपने अमेरिकी समकक्षों से यह मुलाकात ठीक उसी समय हुई जब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल पूर्व सीआईए चीफ और विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से मिलने के लिए अमेरिका पहुंचे थे। 

भारत और अमेरिका ने राजनीतिक और सुरक्षा संबंधों को और दुरुस्त करने के लिए दोनों देशों के बीच छह सितंबर को '2 प्लस 2' वार्ता की शुरुआत की। कम्युनिकेशंस कॉम्पैटिबिलिटी एंड सिक्योरिटी एग्रीमेंट (कॉमकासा) पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और अमेरिका की ओर से उनके समकक्षों विदेश मंत्री माइकल पोम्पियो और रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने हस्ताक्षर किए। इसके बाद अजित डोभाल दूसरे शीर्ष अधिकारियों के साथ दूसरे दौर की वार्ता के लिए वाशिंगटन पहुंचे।

भारत सरकार रॉ की मदद से अमेरिका में दाऊद की संपत्ति का पता लगाने का प्रयास कर रही है। इसके अलावा खुफिया अधिकारी दाऊद के बैंक खाते व अन्य ब्यौरा जुटा रहे हैं। इसमें मदद के लिए सीआईए से संपर्क साधा गया है। अमेरिकी एजेंसी ने दाऊद का संपत्ति का ब्यौरा साझा करने का भरोसा दिया है। 

यह पहली बार नहीं है जब भारत ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद को वित्तीय रूप से नुकसान पहुंचाने के लिए दूसरे देशों से संपर्क साधा है। मोदी सरकार के निरंतर प्रयासों की बदौलत ब्रिटेन सरकार पहले ही लंदन में दाऊद की संपत्तियां जब्त कर चुकी है। 

यही नहीं, दुबई से दाऊद के करीबी फारूक टकला को भारत लाया गया है। टकला 1993 के मुबंई बम धमाकों में शामिल था। वह बाद में देश छोड़कर भाग गया था। उसके खिलाफ 1995 में रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था लेकिन उसे इसी साल मार्च में भारत प्रत्यर्पित किया गया। 

दाऊद के अलावा, रॉ और सीआईए आईएसआईएस, अल कायदा, लश्कर-ए-तय्यबा और दूसरे आतंकी संगठनों से जुड़ी सूचनाएं भी साझा करेंगे।

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