अनिल अंबानी से सांठगांठ के शक में सुप्रीम कोर्ट के दो अधिकारियों की नौकरी गई

सुप्रीम कोर्ट ने वहां कार्यरत दो असिस्टेंट रजिस्ट्रार मानव शर्मा और तपन कुमार चक्रवती को नौकरी से हटा दिया है। कोर्ट ने यह फैसला संविधान की अनुच्छेद 311 के तहत लिया है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने खुद दोनों असिस्टेंट रजिस्ट्रार को बर्खास्त करने का आदेश दिया है। 

CJI Ranjan Gogoi dismissed two asst registrars if supreme court

असिस्टेंट रजिस्ट्रार मानव शर्मा और तपन कुमार चक्रवती पर रिलायंस कम्यूनिकेशंस के चेयरमैन अनिल अंबानी अवमानना मामले में कोर्ट द्वारा दिये गए न्यायिक फैसले में बदलाव करने का आरोप है। 

इन दोनों ने ऐसा बदलाव किया जिसकी वजह से ऐसी धारणा बनी कि अंबानी को मानहानि के मामले में निजी तौर पर पेश होने से छूट मिल गई है। कोर्ट मास्टर की ओपन कोर्ट या जजों के चैंबर में दिए गए सभी फैसलों को लिखने में भूमिका होती है। 

शुरुआती जांच में ज्यूडिशियल आर्डर में छेड़छाड़ किये जाने के संकेत मिलने के बाद उन्होंने दोनों अधिकारियों को बर्खास्त करने के आदेश पर दस्तखत किए। 
मुख्य न्यायाधीश को सेक्शन 11(13) के मुताबिक मिलने वाली शक्तियों का भी इस्तेमाल किया। इन्ही शक्तियों के तहत मुख्य न्यायाधीश को किसी कर्मचारी को अभूतपूर्व स्थिति में सामान्य अनुशासनात्मक कार्रवाई किये बिना बर्खास्त करने का अधिकार होता है।

 दरअसल जिस आदेश पर यह सारा विवाद है, वो 7 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया गया था। टेलिकॉम कंपनी एरिक्सन ने रिलायंस कम्युनिकेशन द्वारा 550 करोड़ रुपये का भुगतान न करने के बाद अवमानना के मामले में अनिल अंबानी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। 

जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस विनीत सरन के आदेश में अंबानी को कोर्ट कार्यवाही के दौरान निजी तौर पर मौजूद रहने को कहा गया। हालांकि, वेबसाइट पर अपलोड आदेश में NOT शब्द के न होने से ऐसा संकेत गया कि अंबानी को निजी तौर पर पेश होने से छूट मिली है। 

10 जनवरी को एरिक्सन के प्रतिनिधियों ने इस गड़बड़ी की ओर घ्यान दिलाया, जिसके बाद संशोधित आदेश अपलोड हुआ। इसके बाद अंबानी इस मामले में 12 और 13 फरवरी को कोर्ट में पेश हुए थे।
 

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