सीजेआई और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली एनजीओ ‘कॉमन कॉज’ की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
एम नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई से चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने खुद को अलग कर लिया है। चीफ जस्टिस ने हितों के टकराव का मामला बताते हुए खुद को इस मामले से हटा लिया।
सीजेआई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘कॉमन कॉज’ की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अब बृहस्पतिवार को इस मामले की दूसरे बेंच में सुनवाई होगी।
सीजेआई ने कहा कि वह याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकते क्योंकि वह अगले सीबीआई निदेशक का चयन करने वाली समिति बैठक का हिस्सा होंगे।
एनजीओ कॉमन कॉज की तरफ से त्वरित सुनवाई के लिए दायर याचिका को ठुकराते हुए कोर्ट ने 21 जनवरी को सुनवाई की तारीख दी थी। याचिका में राव की नियुक्ति के साथ सीबीआई में होनेवाली नियुक्ति में पारदर्शिता की अपील की गई थी। याचिकाकर्ता एनजीओ कॉमन कॉज के वकील प्रशांत भूषण हैं।
प्रधानमंत्री, विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी का नेता और सीजेआई या उनके द्वारा नामित शीर्ष अदालत का कोई न्यायाधीश इस उच्चाधिकार प्राप्त समिति का हिस्सा होते हैं। 24 जनवरी को नए सीबीआई चीफ के चयन के लिए पैनल की बैठक होने वाली है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा कुछ शर्तों के साथ बहाल किए जाने के अगले ही दिन पूर्व निदेशक आलोक वर्मा को पद से हटा दिया गया। पद से हटाने के बाद वर्मा ने नौकरी इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद राव को फिर से अंतरिम सीबीआई चीफ बना दिया गया था।