राज्य सरकार ने गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू की अंतिम यात्रा के वक्त ऐलान किया था कि तेलंगाना सरकार कर्नल संतोष बाबू के परिवार को पांच करोड़ रुपये की सहायता राशि और इसके साथ ही उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी देगी।
हैदराबाद। पिछले महीने लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए देश के बहादुर सपूत कर्नल संतोष बाबू की पत्नी संतोषी को तेलंगाना सरकार ने डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्ति दी है। राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने संतोषी को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा। मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने राज्य सरकार के अफसरों को आदेश दिया है कि उन्हें हैदराबाद या आसपास के जिलों में नियुक्त किया जाए। ताकि वह अपने बच्चों को ख्याल रख सकें।
राज्य सरकार ने गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू की अंतिम यात्रा के वक्त ऐलान किया था कि तेलंगाना सरकार कर्नल संतोष बाबू के परिवार को पांच करोड़ रुपये की सहायता राशि और इसके साथ ही उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी देगी। इसके साथ ही राज्य सरकार ने एक प्लाट भी संतोष बाबू के परिवार को देने का ऐलान किया था। उस वक्त राज्य के सीएम कर्नल के परिवार से मिलने उनके गांव सूर्यपत पहुंचे थे। अब राज्य सरकार ने संतोषी को राज् सरकार में ग्रुप-1 अफसरों के पद पर नियुक्त किया है।
हालांकि राज्य सरकार का कहना है कि उन्हें हैदराबाद और उसके पास के जिलों में तैनाती दी जाएगी। राज्य सरकार ने पिछले महीने जो नियुक्ति पत्र शहीद कर्नल संतोष बाबू की पत्नी संतोषी को दिया था उसमें उनका पद और नियुक्ति की तारीख नहीं लिखी थी। लेकिन सीएम के चंद्रशेखर राव ने साफ कहा था कि वह जहां चाहेंगी उन्हें नियुक्ति दी जाएगी। कर्नल संतोष बाबू की पत्नी अपनी 8 साल की बेटी और 3 साल के बेटे के साथ दिल्ली में रहती हैं।
गौरतलब है कि पिछले महीने गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ मुठभेड़ में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। लेकिन भारत के वीर बहादुर जवानों ने चीन के करीब 43 सैनिकों को भी मौत के घाट उतार दिया था। हालांकि अभी तक चीनी सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया है। जिसके कारण चीनी सरकार मृतक सैनिकों के परिवार का विरोध झेल रही है। जबकि भारत ने शहीद सैनिकों को सम्मान देते हैं उनके परिजनों को आर्थिक सहायता और मदद दी है। चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में कर्नल संतोष बाबू समेत 20 जवान शहीद हो गए थे। क्योंकि चीन सैनिकों ने धोखे से भारतीय सैनिकों पर हमला किया था।