ईवीएम से छेड़छाड़ की बहस में प्रणब भी कूदे, अटकलबाजी खत्म करने को आयोग की जिम्मेदारी बताया

By Team MyNationFirst Published May 21, 2019, 5:07 PM IST
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एक बयान जारी कर पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, जनादेश अत्यंत पवित्र होता है और इसमें कोई भी संशय नहीं होना चाहिए। भारतीय लोकतंत्र के मूल आधार को चुनौती देने वाली किसी भी अटकल के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

लोकसभा चुनाव के बाद एग्जिट पोल के अनुमान से असहमत विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग और ईवीएम के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। अब इस बहस में  पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी कूद पड़े हैं। उन्होंने एक बयान जारी कर मतदाताओं के फैसले से कथित छेड़छाड़ पर चिंता जताई है। साथ ही कहा कि सभी अटकलों पर विराम लगाने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है। मुखर्जी ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र के मूल आधार को चुनौती देने वाली किसी भी अटकल के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने ट्विटर हैंडल पर जारी एक बयान में कहा, ‘मैं मतदाताओं के फैसले में कथित छेड़छाड़ की खबरों पर चिंतित हूं। उन ईवीएम की सुरक्षा की जिम्मेदारी आयोग की है जो उसकी देखरेख में हैं।’ उन्होंने कहा कि जनादेश अत्यंत पवित्र होता है और इसमें कोई भी संशय नहीं होना चाहिए।

Please read my statement below. pic.twitter.com/UFXkbv06Ol

— Pranab Mukherjee (@CitiznMukherjee)

उन्होंने कहा, ‘इस मामले में संस्थागत सत्यनिष्ठा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भारतीय चुनाव आयोग पर है। उन्हें उसे पूरा करते हुए सभी अटकलों पर विराम लगाना चाहिए।’ 

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सोशल मीडिया पर ईवीएम को कथित रूप से उतारने और छेड़छाड़ के वीडियो वायरल होने के बाद उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में प्रदर्शन शुरू हो गए। हालांकि चुनाव आयोग ने मतदान के बाद ईवीएम को मतगणना स्थलों तक पहुंचाने में गड़बड़ी और दुरुपयोग को लेकर उत्तर प्रदेश और बिहार सहित विभिन्न राज्यों से मिली शिकायतों को शुरुआती जांच के आधार पर गलत बताते हुए खारिज कर दिया है।

कांग्रेस ने कहा कि देश के कई हिस्सों में स्ट्रांगरूम से ईवीएम स्थानांतरित किए जाने की शिकायतों पर चुनाव आयोग को तत्काल प्रभावी कदम उठाना चाहिए। शीर्ष विपक्षी नेताओं ने मंगलवार को मुलाकात की और निर्णय किया कि वे वीवीपैट की पर्चियों को ईवीएम के आंकड़ों से मिलान की अपनी मांग को लेकर जोर देने के लिए चुनाव आयोग जाएंगे।

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