लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद अब 23 मई को आने वाले नतीजों का इंतजार किया जा रहा है। इस बीच, सातवें दौर के बाद विभिन्न चैनलों पर दिखाए गए एग्जिट पोल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाले एनडीए के पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लौटने का दावा किया जा रहा है। इसके बाद से चुनाव आयोग पर विपक्षी दलों के हमले तेज हो गए हैं। ईवीएम से छेड़छाड़ को लेकर कई तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। 

भले ही विपक्ष ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग पर हमलावर हो लेकिन पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न प्रणब मुखर्जी ने चुनाव आयोग की तारीफ की है। उन्होंने कहा, चुनाव आयोग ने 2019 का लोकसभा चुनाव शानदार तरीके से संपन्न कराया। मुखर्जी ने एक पुस्तक के विमोचन के मौके पर यहां कहा कि पहले चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन के समय से लेकर मौजूदा चुनाव आयुक्तों तक संस्थान ने बहुत अच्छे से काम किया है।

उन्होंने कहा कि कार्यपालिका तीनों आयुक्तों को नियुक्त करती है और वे अपना काम अच्छे से कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘आप उनकी आलोचना नहीं कर सकते हैं, यह चुनाव का सही रवैया है।’ 

मुखर्जी ने पत्रकार सोनिया सिंह की पुस्तक ‘डिफाइनिंग इंडिया: थ्रू देयर आइज’ के विमोचन के मौके पर कहा, ‘यदि लोकतंत्र सफल हुआ है, यह मुख्यत: सुकुमार सेन से लेकर मौजूदा चुनाव आयुक्तों द्वारा अच्छे से चुनाव संपन्न कराने के कारण है।’ 

मुखर्जी की इस टिप्पणी से एक दिन पहले कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष चुनाव आयोग का आत्मसमर्पण स्वाभाविक है और चुनाव आयोग अब निष्पक्ष या सम्मानित नहीं रह गया है। विपक्षी दल चुनाव आयोग के कथित तौर पर भाजपा के प्रति झुकाव रखने को लेकर आयोग की आलोचना करते रहे हैं।

उधर, कांग्रेस प्रवक्ता पीएल पूनिया ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति को उन घटनाओं की जानकारी नहीं जिनमें पीएम मोदी को हर आचार संहिता के उल्लंघन के लिए क्लीनचिट दी गई। चुनाव आयोग ने पहले अच्छा काम किया है लेकिन इस बार आयोग ने पीएम मोदी को हर आचार संहिता तोड़ने के बावजूद क्लीनचिट दी। (पीटीआई इनपुट के साथ)