कांग्रेस का फोकस खासतौर से उत्तर प्रदेश पर है। लिहाजा कांग्रेस मुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण की डिप्लोमैसी के जरिए विपक्षी दलों को साधने में जुटी है। कर्नाटक में कांग्रेस ये फार्मूला पहले ही लागू कर चुकी है। जहां जनता दल (एस) के साथ कांग्रेस ने सरकार बनाई है। हालांकि यहां पर कांग्रेस बड़े भाई की जगह छोटे भाई की हैसियत से सरकार में हैं और कम सीट जीतने के बाद भी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री के पद पर हैं।
-तीन राज्यों के शपथ ग्रहण समारोह में सभी विपक्षी नेताओं को दिया है न्योता
कांग्रेस पार्टी ‘शपथ’ राजनीति के जरिए सभी विपक्षी नेताओं को साधकर महागठबंधन के नींव रखने की रणनीति तैयार कर रही है। इसके लिए कांग्रेस ने तीन राज्यों में सोमवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में सभी विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया है। कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर नेता व्यक्तिगत तौर पर विपक्षी नेताओं से मिल न्योता दे रहे हैं।
तीन राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मिली जीत के बाद कांग्रेस इन राज्यों में सरकार बनाने जा रही है। मध्य प्रदेश में कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया है तो राजस्थान की कमान अशोक गहलोत को दी गयी है। छत्तीसगढ़ में आज शाम तक फैसला होने के आसार हैं। कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए महागठबंधन पर जोर दे रही है। इसके लिए कांग्रेस की कोशिश है कि सभी विपक्षी दल एक साथ एक मंच पर आएं।
हालांकि कुछ दलों ने महागठबंधन में कांग्रेस को बड़े की हैसियत देने से मना कर दिया है। यूपी मे सपा और बसपा कांग्रेस से दूरी बनाकर चल रहे हैं। हालांकि मध्य प्रदेश और राजस्थान में ये दल कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए समर्थन दे रहे हैं। लेकिन कांग्रेस की कोशिश चुनाव से पहले एक महागठबंधन बनाने की है। ताकि मोदी सरकार से एकजुट होकर लड़ा जा सके। कांग्रेस का फोकस खासतौर से उत्तर प्रदेश पर है। लिहाजा कांग्रेस मुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण की डिप्लोमैसी के जरिए विपक्षी दलों को साधने में जुटी है। कर्नाटक में कांग्रेस ये फार्मूला पहले ही लागू कर चुकी है। जहां जनता दल (एस) के साथ कांग्रेस ने सरकार बनाई है। हालांकि यहां पर कांग्रेस बड़े भाई की जगह छोटे भाई की हैसियत से सरकार में हैं और कम सीट जीतने के बाद भी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री के पद पर हैं।
लिहाजा अब कांग्रेस ये प्रयोग इन तीन राज्यों में करना चाहती है। लिहाजा उसने सभी विपक्षी दलों के नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया है। मध्य प्रदेश के निर्वाचित मुख्यमंत्री कमलाथ ने समारोह में शामिल होने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बसपा प्रमुख मायावती को भी न्योता भेजा है। वहीं समारोह में कई प्रमुख उद्योगपति और साधु संत भी शामिल हो सकते हैं। राजस्थान और मध्य प्रदेश में शपथग्रहण समारोह सोमवार को सुबह और दोपहर में होगा। वहीं छत्तीसगढ़ में शपथ ग्रहण समारोह में सोमवार की शाम को हो सकता है।
पार्टी ने कार्यक्रम इस तरह बनाया है कि अधिक से अधिक विपक्षी नेता तीनों समारोह में पहुंच सके। जयपुर में शपथ ग्रहण सुबह दस बजे, भोपाल में दोपहर 1.30 बजे होना तय है। विपक्ष के कई नेताओं ने शपथग्रहण समारोह में शामिल होने का आमंत्रण स्वीकार कर लिया है। समारोह में कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, सहित दूसरी पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं के भी शामिल होने की उम्मीद है।