भाजपा ने विधायकों की केंद्रीय पर्यवेक्षक वी मुरलीधर के साथ बैठक के बाद होटल में ले जाया गया और राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई है। क्योंकि भाजपा के दो दर्जन से ज्यादा विधायक पहली बार चुनाव जीत कर आए हैं। जिसके बाद विधायकों को ट्रेनिंग दी गई है।
जयपुर। राजस्थान में राज्यसभा चुनाव से पहले भाजपा ने अपने सभी विधायकों को जयपुर के एक पांच सितारा होटल में स्थानांतरित कर दिया। जबकि राज्य की सत्ताधारी कांग्रेस पिछले हफ्ते ही एक रिसॉर्ट में रिसॉर्ट में अपने विधायकों को पहुंचा चुकी है। लिहाजा देखा जाए तो राज्यसभा चुनाव से पहले राज्य में विधायकों को पॉलिटिकल क्वांरिटन कर दिया गया है। लिहाजा माना जा रहा है कि 19 नवंबर से पहले कोई भी दल विधायकों को बाहर नहीं रखना चाहता है।
भाजपा ने विधायकों की केंद्रीय पर्यवेक्षक वी मुरलीधर के साथ बैठक के बाद होटल में ले जाया गया और राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई है। क्योंकि भाजपा के दो दर्जन से ज्यादा विधायक पहली बार चुनाव जीत कर आए हैं। जिसके बाद विधायकों को ट्रेनिंग दी गई है। जानकारी के मुतबिक राजस्थान के 200 से ज्यादातर विधायकों भाजपा और कांग्रेस ने पॉलिटिकल क्वारंटिन कर दिया है। राज्य में कांग्रेस विधायकों को जेडब्ल्यू मैरियट होटल में ठहराया गया है तो वहीं भाजपा विधायकों ने क्राउन प्लाजा होटल में एकत्रित किया है। फिलहाल इन विधायकों में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे शामिल नहीं हुई हैं। माना जा रहा है कि वह गुरुवार को जयपुर पहुंचेंगी और विधायकों से मिलेंगी।
राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि भाजपा ने नए विधायकों को प्रशिक्षित करने के लिए दो दिवसीय शिविर आयोजित किया है और इसी मकसद से विधायकों को एक जगह पर एकत्रित किया गया है। उन्होंने दावा किया कि अगर भाजपा ने चौथा उम्मीदवार नहीं उतारा होता तो मतदान की कोई जरूरत नहीं होती। भाजपा ने राज्यसभा चुनाव के लिए राजेंद्र गहलोत और ओंकार सिंह को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने राज्य की तीन राज्यसभा सीटों के लिए केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी को प्रत्याशी बनाया है। वहीं राज्य में एक सदस्य के लिए 51 वोटों की आवश्यकता है।
वहीं कांग्रेस को दोनों उम्मीदवारों के जीतने की उम्मीद है। क्योंकि राज्य में कांग्रेस के 107 विधायक हैं और राज्य के 13 निर्दलीय, वाम दलों के दो-दो और बीटीपी और आरएलडी का एक-एक विधायक कांग्रेस प्रत्याशियों को समर्थन दे रहे हैं। वहीं भाजपा के पास 72 विधायकों के अलावा आरएलपी के तीन विधायकों का समर्थन प्राप्त है।