सरकार बनते ही झारखंड में कांग्रेस की बढ़ी मुश्किल, जेवीएम के विलय पर पार्टी में ही बगावत

असल में कांग्रेस राज्य में झारखंड विकास मोर्चा का पार्टी में विलय कराना चाहती थी। इसके लिए जेवीएम के दो विधायक प्रदीप यादव और बंधू तिर्की कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाक़ात भी कर चुके थे। लिहाजा ये तय हो गया था कि ये विधायक अब कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे और एक तरह से जेवीएम का कांग्रेस में विलय हो जाएगा।

Congress becomes difficult in Jharkhand as soon as government is formed

रांची। कांग्रेस पार्टी की झारखंड में अपनी ताकत बढ़ाने की रणनीति फेल हो गई है। झारखंड विकास मोर्चा को तोड़कर वह उसका विलय कांग्रेस में कराना चाहती थी। लेकिन अब पार्टी में जेवीएम के विलय को लेकर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और विधायक इरफान अंसारी ने बगावत कर दी है। विधायक का साफ कहना है कि जिन लोगों के खिलाफ वो लड़े अब उन्हें ही पार्टी में शामिल किया जा रहा है। लिहाज वह पार्टी से इस्तीफा दे देंगे।

Congress becomes difficult in Jharkhand as soon as government is formed

असल में कांग्रेस राज्य में झारखंड विकास मोर्चा का पार्टी में विलय कराना चाहती थी। इसके लिए जेवीएम के दो विधायक प्रदीप यादव और बंधू तिर्की कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाक़ात भी कर चुके थे। लिहाजा ये तय हो गया था कि ये विधायक अब कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे और एक तरह से जेवीएम का कांग्रेस में विलय हो जाएगा। ये विधायक जेवीएम का भाजपा में भी विलय का विरोध कर रहे थे। जबकि पार्टी के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के बारे में चर्चा है कि वह जेवीएम का भाजपा में विलय करा सकते हैं।

जेवीएम के दोनों विधायक पार्टी का कांग्रेस में विलय कर कैबिनेट में शामिल होने की रणनीति पर काम कर रहे थे। गौरतलब है कि कांग्रेस और जेएमएम राज्य में मिलकर चुनाव लड़ी थी और राज्य की सत्ता में कांग्रेस जेएमएम की सहयोगी है। कांग्रेस का मानना था कि जेवीएम के दो विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने से ही पार्टी का विलय कांग्रेस में हो जाएगा। क्योंकि इसके लिए दो तिहाई समर्थन की जरूरत होती हैऔर तीन में से दो विधायकों के शामिल होने से उसे तकनीकी तौर पर कोई दिक्कत नहीं होगी। 

लेकिन कांग्रेस पार्टी यहीं पर मात खा गई। क्योंकि पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी के अध्यक्ष बाबू लाल मराडी 20 जनवरी को ही विधायक बंधु तिर्की और प्रदीप यादव को पार्टी से निष्कासित कर चुके हैं। जबकि इन दोनों ने 23 जनवरी को सोनिया से मुलाकात की। ऐसे में इन दोनों की विधायकी भी जा सकती है। हालांकि इसका फैसला विधानसभा स्पीकर को लेना है। वहीं इन दो विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराने को लेकर झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और विधायक इरफ़ान अंसारी भी पार्टी से नाराज़ चल रहे है। अंसारी का कहना है कि हम जीवन भर इन नेताओं से राजनीतिक लड़ाई लड़ते रहे और अब उन्हें ही पार्टी में शामिल किया जा रहा है।
 

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