कांग्रेस ने राज्य की 90 सीटों में से 84 पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया। शुक्रवार को नामांकन करने का अंतिम दिन है। लिहाजा आज कांग्रेस के ज्यादातर प्रत्याशी नामांकन करेंगे। पार्टी ने एक मौजूदा विधायक को छोड़कर सभी को टिकट दिया है। जबकि राज्य के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर को उनके बागी रूख का खामियाजा भुगतना पड़ा है। उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया है जबकि उसके विरोधी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को गढ़ी सांपला किलोई सीट से टिकट दिया गया है।
चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने 84 उम्मीदवारों के नामों की सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में कांग्रेस से ज्यादातर दिग्गज नेताओं के नाम हैं। लेकिन पार्टी ने बागी रूख अपनाए अशोक तंवर को झटका देते हुए उन्हें टिकट नहीं दिया है। तंवर से कल ही सोनिया गांधी के घर के बाहर प्रदर्शन किया था। जिसके बाद आलाकमान तंवर से नाराज है।
कांग्रेस ने राज्य की 90 सीटों में से 84 पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया। शुक्रवार को नामांकन करने का अंतिम दिन है। लिहाजा आज कांग्रेस के ज्यादातर प्रत्याशी नामांकन करेंगे। पार्टी ने एक मौजूदा विधायक को छोड़कर सभी को टिकट दिया है। जबकि राज्य के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर को उनके बागी रूख का खामियाजा भुगतना पड़ा है। उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया है जबकि उसके विरोधी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को गढ़ी सांपला किलोई सीट से टिकट दिया गया है।
जबकि पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला कैथल विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है। पार्टी ने इस बार रेणुका विश्नोई को टिकट नहीं दिया है। जबकि राज्य के 16 विधायकों पर फिर से दांव खेला है। पार्टी ने राज्य के पूर्व सीएम भजन लाल के दोनों बेटों कुलदीप विश्नोई और चंद्र मोहन को आदमपुर और पंचकुला से टिकट दिया है। वहीं पूर्व सीएम बंसी लाल के बेटे रणवीर महिंद्रा बधरा से और पुत्रवधू किरण चौधरी को तोशाम पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया है। इसके साथ ही पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप शर्मा को पार्टी ने गनौर सीट से मैदान में उतारा है।
हालांकि पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि वह चुनाव नहीं लड़ेगीं। लिहाजा इस सूची में उनका नाम नहीं है। वहीं पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर को टिकट न देकर पार्टी ने जता दिया है कि किसी भी तरह के बागी रूख को पार्टी स्वीकार नहीं करेगी। तंवर को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है और सोनिया के हाथ में पार्टी की कमान आते ही उन्हें अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था। लेकिन अब पार्टी ने उन्हें टिकट न देकर ये जता दिया है कि राज्य में हुड्डा और शैलजा की बात सुनी जाएगी। लिहाजा आने वाले दिनों में तंवर कोई ठोस कदम उठा सकते हैं।