कांग्रेस नहीं छोड़ना चाहती है सावरकर का मुद्दा, सावरकर और गोडसे को बताया होमोसेक्सुअल

By Team MyNation  |  First Published Jan 3, 2020, 7:37 AM IST

 पिछले दिनों राहुल गांधी के राहुल सावरकर के बयान के बाद अब कांग्रेस के संगठन कांग्रेस सेवा ने अपनी बुकलेट में दावा किया है कि वीर सावरकर और नाथूराम गोडसे के बीच शारीरिक संबंध थे। सेवा दल ने इस बुकलेट में ये भी लिखा है कि राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ नाजी और फासीवादी संस्‍था है।

नई दिल्ली। कांग्रेस आसानी से वीर सावरकर के मुद्दे को छोड़ना नहीं चाहीत है। पिछले दिनों राहुल गांधी के राहुल सावरकर के बयान के बाद अब कांग्रेस के संगठन कांग्रेस सेवा ने अपनी बुकलेट में दावा किया है कि वीर सावरकर और नाथूराम गोडसे के बीच शारीरिक संबंध थे। सेवा दल ने इस बुकलेट में ये भी लिखा है कि राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ नाजी और फासीवादी संस्‍था है। क्योंकि संघ को हिटलर के नाजीवाद और मुसोलिनी के फासीवाद से प्रेरणा मिलती है।

भोपाल में आयोजित कांग्रेस सेवा दल प्रशिक्षण शिविर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को विवादित साहित्‍य बांटा गया। जिसमें वीर सावरकर और नाथूराम गोडसे के बीच शारीरिक संबंध होने का दावा किया है। इस बात को लेकर आने वाले दिनों बढ़ा विवाद बढ़ने की उम्मीद की जा सकती है। पिछले दिनों ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सावरकर पर तंज कसते हुए कहा था कि वह राहुल सावरकर नहीं बन सकते हैं।

जिसके बाद इस मामले ने राजनैतिक तूल ले लिया और भाजपा ने राहुल गांधी पर जमकर तंज कसे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि सावरकर बनने के लिए त्याग और समर्पण चाहिए। जबकि राहुल गांधी के पास से गुण नहीं है। अब कांग्रेस ने  इस बुकलेट के जरिए भाजपा और विपक्षी दलों को नया मुद्दा दे दिया है। कांग्रेस महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार में है। राहुल गांधी के बयान के बाद शिवसेना ने भी राहुल गांधी को सलाह दी थी और कहा था  कि गांधी और नेहरू की तरह सावरकर के त्याग को नकारा नहीं जा सकता है।

भोपाल में आयोजित इस प्रशिक्षण शिविर में वीर सावरकर और नाथूराम गोडसे के संबंधों को साहित्‍य बांटा गया है। इसमें दावा किया गया है कि हिंदू महासभा के सह-संस्‍थापक सावरकर और गोडसे के बीच शारीरिक संबंध थे। इसमें बताया गया है कि गोडसे और वीर सावरकर होमोसेक्‍सुअल थे। भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा है कि कांग्रेस और इसके सहयोगी लगातार वीर सावरकर को बदनाम कर रहे हैं और ये कांग्रेस की परंपरा है।

कांग्रेस महाराष्‍ट्र में शिवसेना के साथ सरकार में है और वहां पर शिवसेना का मुख्यमंत्री है। जबकि कांग्रेस लगातार सावरकर को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। जबकि शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे सावरकर के विचारों से प्रेरित  थे।
 

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