कांग्रेस महासचिव के बयान से बढ़ी राहुल की मुश्किल...

 |  First Published Aug 7, 2018, 8:50 PM IST

भाजपा को घेरने के लिए संघ के नाम का सहारा लेते रहे हैं कांग्रेस अध्यक्ष। हालांकि पार्टी के महासचिव और मध्य प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया कार्यकर्ताओं को संघ से अनुशासन सीखने की नसीहत दे रहे हैं

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर हमला बोलने का कोई मौका नहीं चूकते। अक्सर वह भाजपा को घेरने के लिए संघ के नाम का सहारा लेते हैं। हालांकि अब कुछ ऐसा हुआ है, जिससे उनके लिए मुश्किल बढ़ गई है। कांग्रेस के नेता न सिर्फ खुलकर संघ के अनुशासन की तारीफ कर रहे हैं बल्कि इसके पीछे जवाहर लाल नेहरू का हवाला दे रहे हैं। उन्होंने भी चीन के साथ 1962 में हुए युद्ध के दौरान संघ की भूमिका को सराहा था। 

दरअसल, कांग्रेस महासचिव और मध्य प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को संघ से अनुशासन सीखने की नसीहत दी है। यही नहीं उन्होंने कहा कि संघ के अनुशासन और मातृभूमि के लिए प्रेम का अनुकरण किया जाना चाहिए। मीडिया ने जब बयान पर स्थिति साफ करने को कहा तो बाबरिया बोले, 'हां मैं संघ के अनुशासन की तारीफ करता हूं। यह तारीफ ठीक वैसी ही है, जैसे पंडित जवाहर लाल नेहरू ने चीन से युद्ध के समय की थी। अगर किसी संगठन में कुछ अच्छा है तो उसकी तारीफ करने में कुछ गलत नहीं है। इसमें कोई संकोच नहीं होना चाहिए।' 

सोमवार को विदिशा जिले में पार्टी कार्यालय में हुई बैठक के दौरान बाबरिया और चिमन पटेल के सामने ही कांग्रेस कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। यह विवाद मंच साझा करने को लेकर हुआ था। शमशाबाद से पिछला चुनाव हार चुके सिंधू विक्रम सिंह को मंच पर जगह नहीं मिलने से उनके समर्थक भड़क गए। इसके बाद कार्यकर्ताओं में तकरार हुई और नौबत मारपीट की आ गई। बाबरिया के बार-बार मंच से शांति बनाए रखने की अपील करने के बावजूद हंगामा नहीं रुका। चिमन भाई ने अनुशासनहीनता का विरोध किया तो कुछ कार्यकर्ता उन्हें भी मारने के लिए दौड़ पड़े। किसी तरह चिमन पटेल को पिटने से बचाया गया। इसके बाद बाबरिया ने मंच से कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संघ से अनुशासन सीखना चाहिए। संघ का अनुशान और मातृभूमि के लिए प्रेम अनुकरणीय है। 

हालांकि बाद में बाबरिया ने कार्यकर्ताओं में हुई झड़प पर उन्होंने कहा, 'जहां प्रतिस्पर्धा ज्यादा होती है, वहां ऐसे हादसे होते हैं। लेकिन मुझे यकीन है कि लोग खुद को अनुशासन में रखना जानते हैं।'

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