असल में शत्रुघ्न सिन्हा ने लखनऊ में अपनी पत्नी और एसपी-बीएसपी गठबधंन की प्रत्याशी पूनम सिन्हा के पक्ष में चुनाव प्रचार किया था। बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने के बावजूद शत्रुघ्न सिन्हा ने कांग्रेस के पक्ष में लखनऊ में प्रचार नहीं किया। सिन्हा लखनऊ में एक हफ्ते से ज्यादा रहे। लेकिन न तो वो कांग्रेस के दफ्तर गए और न ही उन्होंने कांग्रेस के पक्ष में प्रचार किया।
पटना साहिब से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे मौजूदा सांसद और फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा को लेकर कांग्रेस पार्टी में भी मतभेद नजर आने लगे हैं। लखनऊ से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद कृष्णम ने शत्रुघ्न सिन्हां पर तंज कसते हुए कहा कि ये राजनीति है ड्रामा नहीं। जहां सुबह एक रोल और शाम को दूसरा रोल किया जाए।
असल में शत्रुघ्न सिन्हा ने लखनऊ में अपनी पत्नी और एसपी-बीएसपी गठबधंन की प्रत्याशी पूनम सिन्हा के पक्ष में चुनाव प्रचार किया था। बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने के बावजूद शत्रुघ्न सिन्हा ने कांग्रेस के पक्ष में लखनऊ में प्रचार नहीं किया। सिन्हा लखनऊ में एक हफ्ते से ज्यादा रहे। लेकिन न तो वो कांग्रेस के दफ्तर गए और न ही उन्होंने कांग्रेस के पक्ष में प्रचार किया। जिसके बाद प्रमोद कृष्णम काफी नाराज हो गए थे। उन्होंने इसकी शिकायत कांग्रेस आलाकमान से भी की थी।
लेकिन पटना साहिब में पार्टी की जीत को देखते हुए पार्टी ने कृष्णम की शिकायत को दरकिनार कर दिया। जिसके बाद वह और ज्यादा नाराज हो गए। लिहाजा अब उन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा पर तंज कसते हुए कहा कि ये राजनीति है और कोई ड्रामा नहीं है। जहां एक दिन में सुबह डॉक्टर, शाम को शराबी का रोल किया जाए। उन्होंने कहा कि राजनीति भारत के भविष्य से जुड़ी है शत्रुघ्न सिन्हा को राहुल गांधी ने सम्मान दिया, लेकिन उसके बदले में सिन्हा को भी पार्टी को सम्मान देना चाहिए।
लखनऊ से कांग्रेस के प्रत्याशी कृष्णम ने साफ कहा कि शत्रुघ्न सिन्हा ने पार्टी धर्म का पालन नहीं किया। जबकि राहुल गांधी ने पार्टी धर्म का पालन करते हुए उनके लिए पटना में रोड शो किया। उन्होंने ये भी कहा कि सिन्हा ने राजनीति को बहुत हल्का समझ लिया है। गौरतलब है कि शत्रुघ्न सिन्हा ने पत्नी पूनम सिन्हा के नामांकन के बाद लखनऊ में रोड शो किया था। जबकि उन्होंने कृष्णम के लिए कोई प्रचार नहीं किया। हालांकि सिन्हा ने लखनऊ में मुस्लिम धर्मगुरुओं से भी मुलाकात की और अपनी पत्नी को जिताने की अपील की। जबकि वह यूपी में कांग्रेस के प्रचार से भी दूर रहे।