अभी तक कांग्रेस राज्य की 13 में से 11 सीटें सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। पार्टी ने चंडीगढ़ सीट पर भी पूर्व मंत्री पवन बंसल को टिकट दिया है। लेकिन अभी तक कई सीटों पर दावेदारी कर रही नवजोत कौर सिद्धू को पार्टी ने कहीं से भी टिकट नहीं दिया है।
अकसर अपने बयानों से कांग्रेस पार्टी को मुसीबत में डालने वाले पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू क्या पार्टी से नाराज चल रहा है या फिर पार्टी उनसे नाराज चल रही है। सिद्धू पिछले कई दिनों से सार्वजनिक मंचों पर नहीं दिखाई दे रहे हैं और न ही पार्टी का प्रचार कर रहे। सबसे चौंकाने वाला ये भी है कि पंजाब में अभी तक पार्टीं ने सिद्धू की पत्नी मिसेज नवजोत कौर सिद्धू को लोकसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं दिया है। हालांकि पार्टी अभी तक उनकी मनपसंद सीट अमृतसर और चंडीगढ़ से दूसरे नेताओं को टिकट दे चुकी है।
अभी तक कांग्रेस राज्य की 13 में से 11 सीटें सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। पार्टी ने चंडीगढ़ सीट पर भी पूर्व मंत्री पवन बंसल को टिकट दिया है। लेकिन अभी तक कई सीटों पर दावेदारी कर रही नवजोत कौर सिद्धू को पार्टी ने कहीं से भी टिकट नहीं दिया है। जबकि नवजोत कौर सिद्धू चंडीगढ़ सीट से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को अपने दावेदारी के पेपर भी काफी पहले सौंप चुकी थी। नवजोत कौर को प्रियंका गांधी का करीबी माना जाता है।
फिलहाल पार्टी ने बठिंडा और फिरोजपुर सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम तय नहीं किए हैं। हालांकि ये कहा जा रहा है कि कांग्रेस के मनप्रीत पिछले कुछ दिनों से वहां पर सक्रिय हैं और टिकट के लिए जुगत लगा रहे हैं। शुक्रवार को ही पार्टी ने चंड़ीगढ़ सीट से टिकट मांग रहे पूर्व मंत्री और पटियाला से पूर्व सांसद मनीष तिवारी को आनंदपुर साहिब से टिकट दिया है। राजनैतिक गलियारों में चर्चा है कि मनीष तिवारी को टिकट दिलाने में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अहम भूमिका निभाई। वहीं कैप्टन सिद्धू से भी नाराज चल रहे हैं।
सिद्धू को जो रवैया है वह कैप्टन को पसंद नहीं है और उनके कारण पार्टी की कई बार जबरदस्त किरकिरी हो चुकी है। लिहाजा कैप्टन की नाराजगी के कारण ही नवजोत कौर सिद्धू को पार्टी ने अभी तक टिकट नहीं दिया है। सिद्धू भी पिछले कुछ दिनों से दूरी बनाए हुए हैं और लोकसभा चुनाव में प्रचार में भी दिख नहीं रहे हैं।