पार्टी ने हरियाणा से दीपेन्द्र सिंह हुड्डा के नाम का ऐलान किया है। जबकि इस सीट पर प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी शैलजा को दावेदार माना जा रहा था। लेकिन अंतिम समय में आलाकमान ने हुड्डा को प्रत्याशी बनाया है। राज्यसभा चुनाव के लिए हुड्डा ने आलाकमान पर दबाव बनाते हुए अपने बेटे दीपेन्द्र हुड्डा को प्रत्याशी बनाने की मांग रखी थी।
नई दिल्ली। हरियाणा से खाली हो रही राज्यसभा की सीटों के लिए कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने राज्य से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और विधायक दल के नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के बेटे और पूर्व सांसद दीपेन्द्र सिंह हुड्डा को टिकट दिया है। इसके साथ ही कांग्रेस ने अन्य राज्यों के लिए प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है। लिहाजा एक बार फिर पार्टी आलाकमान पर हुड्डा के दबाव का असर देखने को मिला है।
पार्टी ने हरियाणा से दीपेन्द्र सिंह हुड्डा के नाम का ऐलान किया है। जबकि इस सीट पर प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी शैलजा को दावेदार माना जा रहा था। लेकिन अंतिम समय में आलाकमान ने हुड्डा को प्रत्याशी बनाया है। राज्यसभा चुनाव के लिए हुड्डा ने आलाकमान पर दबाव बनाते हुए अपने बेटे दीपेन्द्र हुड्डा को प्रत्याशी बनाने की मांग रखी थी। हुड्डा ने साफ कहा था या तो पार्टी दीपेन्द्र हुड्डा को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपे या फिर राज्यसभा का प्रत्याशी घोषित करे। जबकि राज्यसभा के लिए पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा दावेदार मानी जा रही थी।
लेकिन आखिर समय में पार्टी ने उनकी दावेदारी को दरकिनार कर दीपेन्द्र हुड्डा को प्रत्याशी घोषित किया है। भूपेन्द्र सिंह इससे पहले लोकसभा चुनाव से पहले आलाकमान पर दबाव बना चुके हैं। जिसके बाद सोनिया गांधी को उन्हें चुनाव समिति का अध्यक्ष नियुक्त करना पड़ा था और वहीं उनके प्रतिद्वंदी अशोक तंवर को बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा था। हालांकि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने हुड्डा के कारण ही अच्छा प्रदर्शन किया था। हालांकि पार्टी राज्य में सरकार नहीं बना सकी।
बहरहाल हुड्डा के दबाव के कारण ही पार्टी ने राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले रणदीप सुरजेवाला को किसी भी राज्य से राज्यसभा का उम्मीदवार नहीं बनाया है। हरियाणा की तरह ही गुजरात कांग्रेस में भी गुटबाजी देखने को मिली है। आलाकमान ने राजीव शुक्ला के नाम पर सहमति जताई थी लेकिन विधायकों ने आलाकमान की बात को दरकिनार कर भरत सिंह सोलंकी और शक्ति सिंह गोहिल के नाम पर अपनी रजामंदी दी है।