पालयट को नहीं मनाएगी कांग्रेस, प्रदेश अध्यक्ष से हटाने की तैयारी

By Team MyNation  |  First Published Jul 13, 2020, 9:04 AM IST

चर्चा जोरों पर है कि सचिन पायलट की भाजपा के साथ जाने की तैयारी हो गई है। हालांकि अभी तक ये अटकलें हैं। उधर जयपुर में कांग्रेस ने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया है। पार्टी का कहना है कि अगर कोई भी कांग्रेस का विधायक बैठक में शामिल नहीं होता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी और सदस्यता खत्म कर दी जाएगी।

नई दिल्ली। राजस्थान में चल रहे सियासी उठापटक के बीच आज साढ़े दस बजे राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक हो रही है. इस बैठक में साफ हो जाएगी कि राज्य में गहलोत सरकार रहेगी या फिर सत्ता से होगी बार। वहीं  उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बागी तेवरों को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान उन्हें मनाने के पक्ष में नहीं है। हालांकि पायलट का दावा है कि उनके पास 30 विधायक हैं। हालांकि इसी बीच खबर आ रही है कि कांग्रेस पायलट को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाने की तैयारी में है और इस पद पर रघुवीर मीणा को लाया जा सकता है।


उधर चर्चा जोरों पर है कि सचिन पायलट की भाजपा के साथ जाने की तैयारी हो गई है। हालांकि अभी तक ये अटकलें हैं। उधर जयपुर में कांग्रेस ने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया है। पार्टी का कहना है कि अगर कोई भी कांग्रेस का विधायक बैठक में शामिल नहीं होता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी और सदस्यता खत्म कर दी जाएगी। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे का दावा है कि कांग्रेस की सरकार सेफ है और पार्टी को 109 विधायकों का समर्थन मिल गया है। उधर सचिन पायलट का दावा है कि उनके साथ 30 विधायक हैं। फिलहाल दोनों ही दावों का पता दोपहर तक चल जाएगा। क्योंकि अगर सचिन गुट के 30 विधायक बैठक में नहीं पहुंचते तो सरकार अल्पमत में आ जाएगी। वहीं अगर अविनाश पांडे के दावे सही सावित होते हैं तो राज्य में कांग्रेस सरकार बच जाएगी।

आलाकमान नहीं मनाएगी पायलट को

वहीं खबर आ रही है कांग्रेस नेतृत्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बागी तेवरों को शांत नहीं करेगी। हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि पायलट ने सोनिया गांधी से समय मांगा था। लेकिन उन्होंने समय नहीं दिया है।

रघुवीर मीणा बन सकतें प्रदेश अध्यक्ष

उधर पार्टी ने सचिन पालयल को झटका देने की तैयारी कर ली है। सीएम अशोक गहलोत पायलट को झटका देना चाहते हैं और अगर वह बैठक में नहीं आते हैं जो उनकी जगह नया प्रदेश अध्यक्ष चुना जा सकता है। माना जा रहा है कि गहलोत अपने करीबी रघुवीर मीणा को प्रदेश अध्यक्ष बना सकते हैं।
 

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