कांग्रेस कार्यसमिति की अहम बैठक कल गुजरात के अहमदाबाद में हो रही है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हो रही बैठक काफी अहम मानी जा रही है। इस बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव में पीएम नरेन्द्र मोदी को घेरने के लिए रणनीति भी बनेगी।
कांग्रेस कार्यसमिति की अहम बैठक कल से गुजरात के अहमदाबाद में हो रही है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हो रही बैठक काफी अहम मानी जा रही है। इस बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव में पीएम नरेन्द्र मोदी को घेरने के लिए रणनीति भी बनेगी। वहीं चुनाव के बाद आने वाले नतीजों के बाद की रणनीति पर चर्चा होगी।
ऐसा कहा जा रहा है कि कांग्रेस इस बैठक में लोकसभा चुनाव के लिए अपना मैनिफेस्टो भी तैयार करेगी। जिसमें जनता से जुड़े मुद्दों को तवज्जो दी जाएगी। खासतौर से भाजपा सरकार द्वारा लागू की गई नोटबंदी और जीएसटी को लेकर कांग्रेस इस मुद्दे को नहीं छोड़ना चाहती है। कांग्रेस अपनी जनसभाओं के जरिए जनता को ये बताएगी कि केन्द्र की भाजपा सरकार की नीतियों से अर्थव्यवस्था और देश को कितना नुकसान पहुंचा।
कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक चुनाव के रिजल्ट घोषित होने के बाद की परिस्थितियों पर भी चर्चा की जाएगी। अगर कांग्रेस बहुमत से दूर रहती है तो एनडीए को रोकने के लिए वह किसे समर्थन देगी या वह विपक्ष में ही बैठेगी। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है वहीं पश्चिम बंगाल में वह वाम दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है तो कर्नाटक में जद(एस) के साथ चुनावी गठबंधन हुआ है। इसके साथ ही पार्टी तमिलनाडू में डीएमके के साथ चुनाव लड़ रही है। कार्यसमिति की इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और महासचिव प्रियंका गांधी सहित सभी बड़े नेता शिरकत करेंगे।
कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में नोटबंदी और बैंकिंग सेक्टर के जरिए मोदी सरकार पर प्रहार करेगी। राहुल गांधी चुनाव में राफेल के मुद्दे को छोड़ना नहीं चाहते हैं। भले ही सुप्रीम कोर्ट और सीएजी ने इस में कोई भ्रष्टाचार नहीं माना है। लेकिन राहुल और कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में इस मुद्दे के जरिए सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगे। गौरतलब है कि कांग्रेस की कार्यसमिति से पहले ही गुजरात में तीन विधायकों ने पार्टी को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है।