राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर कांग्रेस में वार, दलित और ब्राह्मण को लेकर विवाद शुरू

By Team MyNation  |  First Published Feb 7, 2020, 2:33 PM IST

असल में कांग्रेस नेता उदित राज ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर ट्विट किया कि  देश में दलितों की आबादी बाह्मणों की तुलना में तीन गुना ज्यादा है तो राम मंदिर ट्रंस्ट में दलितों को हिस्सेदारी क्यों कम दी जा रही है। लेकिन इस बात को लेकर कांग्रेस में ही घमासान शुरू हो  गया। कांग्रेस के बाह्मण नेताओं ने जमकर उदित राज्य की क्लास ली।

लखनऊ। राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर कांग्रेस में भी नेताओं के बीच मतभेद उभरने लगे हैं। कांग्रेस नेता उदित राज ने राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर बयान दिया। कांग्रेस में ही घमासान शुरू हो गया। कांग्रेस के ब्राह्मण नेता उदित राज के खिलाफ मैदान में आए और उनकी जमकर खिचाई की।

असल में कांग्रेस नेता उदित राज ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर ट्विट किया कि  देश में दलितों की आबादी बाह्मणों की तुलना में तीन गुना ज्यादा है तो राम मंदिर ट्रंस्ट में दलितों को हिस्सेदारी क्यों कम दी जा रही है। लेकिन इस बात को लेकर कांग्रेस में ही घमासान शुरू हो  गया। कांग्रेस के बाह्मण नेताओं ने जमकर उदित राज्य की क्लास ली। कांग्रेस नेता राजीव त्यागी ने उदित राज को बहस के लिए चुतौती तक दे डाली वहीं कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने भी उदित राज को जमकर आढ़े हाथों लिया।

 कभी भाजपा के सांसद रहे अब कांग्रेस के नेता उदित राज ने राम मंदिर ट्रस्ट में बहुजनों के इस्तेमाल को लेकर ट्वीट किया था और बाह्मणों पर आरोप लगाया था कि राम मंदिर ट्र्स्ट मे उन्हें ज्यादा भागीदारी मिली है जबकि दलितों को कम भागीदारी मिली है। उदित राज ने ट्विट किया है किभारत में हुई आखिरी जनगणना के मुताबिक, दलितों की आबादी ब्राह्मणों से तीन गुना है। सरकार राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर सरकार बेईमानी कर रही है। बहुजनों से लठैती करवाती है और माल (ट्रस्ट) उड़ाए ब्राह्मण।

कांग्रेस नेता उदित राज के बयान के बाद कांग्रेस में घमासान शुरू हो गया। कांग्रेस के ही राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव त्यागी ने लिखा है कि  'ब्राह्मण होना पाप नहीं। मेरी चुनौती है कि कोई भी व्यक्ति इस विषय पर बहस कर ले। उदित राज दिल्ली में भाजपा के सांसद हुआ करते थे लेकिन पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था और उसके बाद कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे। लेकिन वह चुनाव नहीं जीत सके। हालांकि उदित राज अपने बयानों को लेकर विवादों में रहते हैं।

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