दिल्ली में कोरोना ने बढ़ाई मुश्किल, मृत्यु दर में हुआ इजाफा

By Team MyNation  |  First Published Jun 19, 2020, 9:57 AM IST

राजधानी में मृत्यु दर में इजाफा होने के कारण सरकार की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं जिसके बाद अब संक्रमण की रोकथाम और पीड़ितों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी मोर्चे पर सक्रिय हो गई है।

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में कोरोना का कहर जारी है। लेकिन इसी बीच कोरोना के साथ ही मृत्यु दर ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। क्योंकि दिल्ली में मृत्यु दर करीब दोगुना बढ़ चुकी है और यह 4.04 फीसद तक पहुंच गई है। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 3.33 फीसद है। अगर इन आंकड़ों को देखे तों दिल्ली में कोरोना संक्रमित 100 में से चार मरीजों की मौत हो रही है। वहीं 96 फीसद मरीज ठीक हो रहे हैं। 


राजधानी में मृत्यु दर में इजाफा होने के कारण सरकार की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं जिसके बाद अब संक्रमण की रोकथाम और पीड़ितों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी मोर्चे पर सक्रिय हो गई है। पिछले दिनों ही केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार के साथ बैठक कर कई बड़े फैसले किए। जिसके तहत राजधानी में कोरोना टेस्ट की कीमतों को कम कर दिया गया है।  वहीं अब राज्य सरकार ने बैंक्वेट हॉल, होटल से लेकर ट्रेन कोच में भी आइसोलेशन वार्ड बनाने का फैसला किया है।

फिलहाल राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य में बेड बढ़ाने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारी चल रही है। आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में अप्रैल तक कोरोना से मृत्यु दर दो फीसद भी नहीं थी लेकिन इसमें लगातार इजाफा हो रहा है और पिछले कुछ दिनों में मौत के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है और इसके कारण पहले की तुलना में दिल्ली में मृत्यु दर करीब दोगुना बढ़ोत्तरी हुई है। दिल्ली में अब ये बढ़कर 4.04 फीसदी हो गई है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 3.33 फीसद है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अस्थमा, मधुमेह, हाईपरटेंशन, दिल की बीमारी के कारण दिल्ली में मृत्यु दर में इजाफा हो रहा है और राज्य में संक्रमण बढ़ने से पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोग भी कोरोना की चपेट में अधिक आ रहे हैं। लिहाजा पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों व बजुर्गो सतर्क रहने की जरूरत है। दिल्ली में बुधवार तक कोरोना के 47,102 मामले सामने आ चुके हैं और वहीं  1904 लोगों की मौत हो चुकी है।
 

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