अगस्ता वेस्टलैण्ड हेलीकॉप्टर मामला: राजीव सक्सेना पर राहत के बाद आई आफत

By Gopal K  |  First Published Jun 10, 2019, 6:31 PM IST

अगस्ता वेस्टलैण्ड हेलीकॉप्टर घोटाले में सरकारी गवाह बने बिचौलिए राजीव सक्सेना के विदेश जाने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। पहले निचली अदालत ने उसे मेडिकल ग्राउंड पर बाहर जाने की इजाजत दे दी थी। लेकिन आज हाईकोर्ट ने उसपर रोक लगा दी।  
 

नई दिल्ली: अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बिचौलिये से सरकारी गवाह बने राजीव सक्सेना को विदेश जाने पर दिल्ली हाइकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दिया है। 

कोर्ट ने सक्सेना को आदेश दिया है कि वह 13 जून तक अपनी यात्रा की पूरी तफसील जमा करे। जिसमें वह बताए कि उसे कहा जाना है, किस अस्पताल में इलाज करवाना है और कहां रुकना है। इसके अलावा अदालत ने राजीव सक्सेना से वहां का फोन नंबर देने का भी आदेश दिया है। उसके बाद 10 दिन यानी 23 जून तक ईडी इसकी जांच करेगी।

इस जांच के बाद राजीव सक्सेना को 25 जून को विदेश जाने और 24 जुलाई को वापस आकर पासपोर्ट सरेंडर करने का आदेश दिया है।

मामले की सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि सक्सेना को गलत तरीके से विदेश जाने की अनुमति मिली है। क्योंकि इसको विदेश से डिपोर्ट करके भारत लाया गया है। ये जांच में कभी शामिल नही हुआ है लिहाजा इसे विदेश जाने से रोका जाए। नही तो अगर ये विदेश चला गया तो वापस नही आएगा। 

सीबीआई जज अरविंद कुमार ने राजीव सक्सेना को कुछ शर्तों के साथ विदेश जाने की अनुमति दे दी थी। जिसको प्रवर्तन निदेशालय द्वारा हाइकोर्ट में चुनौती दी गई। ईडी के वकील ने कहा कि निचली अदालत ने कई तथ्यों की अनदेखी करते हुए राजीव सक्सेना को विदेश जाने की अनुमति दी है। इसलिए इस पर रोक लगाई जाए। हाइकोर्ट ने ईडी की याचिका पर सुनवाई के बाद राजीव सक्सेना को विदेश जाने की मिली अनुमति पर रोक लगा दिया। 

निचली अदालत ने राजीव सक्सेना को इलाज कराने के लिए विदेश जाने की अनुमति दी थी। दरअसल निचली अदालत ने सक्सेना को ब्रिटेन और दुबई जाने की अनुमति दी थी। 

 राजीव सक्सेना इस मामले में अब सरकारी गवाह बन चुका है। इस मामले में वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी सहित कई आरोपित है। हाल ही में राजीव सक्सेना को मेडिकल के आधार पर जमानत मिली थी। राजीव सक्सेना ने यूरोप, दुबई और ब्रिटेन जाने की कोर्ट से इजाजत मांगी थी। 

याचिका में कहा गया था कि उसे अपने इलाज के लिए विदेश जाने की जरूरत है। पिछले 25 मार्च को कोर्ट ने राजीव सक्सेना को सरकारी बनाने की अनुमति दी थी। पिछले 25 फरवरी को कोर्ट ने राजीव सक्सेना को नियमित जमानत दी थी। राजीव सक्सेना ने स्वास्थ्य वजहों से जमानत की मांग की थी। कोर्ट ने पिछले 14 फरवरी को राजीव सक्सेना को अग्रिम जमानत दी थी। 

मामले की सुनवाई के दौरान राजीव सक्सेना ने कहा था कि उसे ल्यूकेमिया नामक बीमारी है उसे इलाज की जरूरत है। पिछली 31 जनवरी को कोर्ट ने राजीव सक्सेना को ईडी हिरासत में भेजा था जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने 31 जनवरी की सुबह ही गिरफ्तार किया था। 

राजीव सक्सेना की पत्नी शिवानी सक्सेना हैं जिन्हें पटियाला हाउस कोर्ट ने पिछले 11 जनवरी को 15 दिनों के लिए दुबई जाने की अनुमति दी थी। ईडी ने शिवानी को 17 जुलाई 2017 को चेन्नई से गिरफ्तार किया था। 

शिवानी मैट्रिक्स होल्डिंग्स के अलावा दुबई की यूएचवाई नामक कंपनी की भी डायरेक्टर है। रिश्वत देने के लिए अगस्ता वेस्टलैंड से जो 58 मिलियन यूरो की जो रकम आयी थी वो दो तीन कम्पनियों से होकर आयी थी। इन कंपनियों में शिवानी की यूएचवाई और मैट्रिक्स होल्डिंग्स भी शामिल थी। 

राजीव और शिवानी को ईडी ने पटियाला हाउस कोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी बनाया है।

click me!