मध्य प्रदेश चुनाव के लिए 28 नवंबर को मतदान होने वाले हैं। कल नामांकन की आखिरी तारीख है। लेकिन अब तक जितने उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है, उसे देखकर लगता है कि यहां गरीब प्रत्याशियों के लिए कोई जगह नहीं। बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों जगहों पर करोड़पतियों का ही बोलबाला है।
मध्य प्रदेश चुनाव के लिए कांग्रेस ने अब तक 184 और भाजपा ने 192 उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए हैं। लेकिन खास बात यह है कि दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशियों में करोड़पतियों की भरमार है।
कांग्रेस के 72 फीसदी और भाजपा के 71 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। इसे देखकर लगता है कि मध्य प्रदेश जैसे पिछड़े राज्य में भी गरीब लोग चुनाव लड़ने का सपना नहीं देख सकते, जीतने की तो बात ही छोड़ दीजिए।
यह निष्कर्ष 4 नवंबर तक भरे गए उम्मीदवारों के हलफनामे को देखकर लगाया जा सकता है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) और मध्य प्रदेश इलेक्शन वॉच ने उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण करके यह परिणाम लगाया है।
कांग्रेस के 171 उम्मीदवारों में से 99 ने 2013 में भी चुनाव लड़ा था और इनमें 50 मौजूदा विधायक हैं। भाजपा के 177 उम्मीदवारों में से 125 ने पिछला चुनाव लड़ा था और इनमें 96 मौजूदा विधायक हैं।
दोबारा चुनाव लड़ रहे भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 5-5 करोड़ रुपए है। इनमें भाजपा के 89 और कांग्रेस के 71 करोड़पति उम्मीदवार हैं।
सबसे ज्यादा 141 करोड़ रुपए की संपत्ति विजय राघौगढ़ से भाजपा के उम्मीदवार संजय पाठक के पास है। पाठक ने अपनी संपत्ति दर्शाई है।
कांग्रेस से सबसे ज्यादा संपत्ति(65 करोड़) वाले उम्मीदवार संजय शर्मा हैं, जो चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए।