तेजी से बढ़ रहा हैं चक्रवात वायु, तैयारियों में जुटी NDRF

By Team MyNation  |  First Published Jun 12, 2019, 1:13 PM IST

भारतीय वायु सेना (IAF) ने मानवीय सहायता और आपदा प्रतिक्रिया (HADR) कार्यों के लिए सी -17 ट्रांसपोर्टर विमान तैनात किया है। जिससे NDRF टीमों को गुजरात पहुँचाया जा रहा हैं।

गुजरात और दीव में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने 39 एनडीआरएफ टीमों को पहले से तैनात किया है, हर एक बचाव दल में लगभग 45 बचाव कर्ता हैं जिनके पास नाव, पेड़ काटने वाले और दूरसंचार के उपकरण मौजूद हैं। सेना की 34 टीमें भी स्टैंडबाय पर हैं।

भारतीय वायु सेना (IAF) ने मानवीय सहायता और आपदा प्रतिक्रिया (HADR) कार्यों के लिए सी -17 ट्रांसपोर्टर विमान तैनात किया है। जिससे NDRF टीमों को गुजरात पहुँचाया जा रहा हैं।

 

Another C-17 got airborne from New Delhi to Patna to airlift 154 NDRF personnel & 6 Tons of load from Patna to Jamnagar for the . IAF helicopters are on standby at various AF bases for . IAF is committed in providing assistance to our citizens in line of Cyclone Vayu.

— Indian Air Force (@IAF_MCC)

 

NDRF की टीम ने पोरबंदर जिले में रहत कार्यों के चलते कुल 4312 लोगों को स्थानांतरित कर दिया है और शाम तक कुल 35,000 लोगों को निकाला जाना है। पोरबंदर की तटीय रेखा 110 KM है।

 

: NDRF (National Disaster Response Force) team with the help of police and civil administration has evacuated 65 people from and shifted them to shelters. pic.twitter.com/davTfvmQkn

— ANI (@ANI)

 

गुजरात सूचना विभाग ने कहा है कि चक्रवात 'वायू' बहुत गंभीर रूप ले चूका है और अभी वो वेरावल से 340 किलोमीटर दूर दक्षिण में मौजूद है।
सूचना विभाग के अनुसार, चक्रवात उत्तर की ओर बढ़ रहा है और यह पोरबंदर और महुवा के बीच से होता हुआ गुजरात तट को पार करेगा, वेरावल और दीव के आसपास।

बयान में यह भी कहा गया है कि 13 जून की सुबह हवाएं 145 किमी प्रति घंटे से 170 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ेंगी।"

इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने क्षेत्र में तैयारियों की समीक्षा की है, जबकि उनके मंत्रालय ने गुजरात और केंद्र शासित प्रदेश दीव को विस्तृत निर्देश जारी किये हैं। अधिकारियों से सभी एहतियाती उपाय करने को कहा है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई जानमाल का नुकसान ना हो, महत्वपूर्ण इमारतों को भी कम से कम नुकसान पहुंचे, और सभी आवश्यक सेवाओं को चक्रवात के बाद जल्द से जल्द चालू किया जा सके।

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