बिहार में आगे बढ़ सकती हैं विधानसभा चुनाव की तारीख, सीएम ने दिए संकेत

असल में राज्य में विपक्षी दल पहले से ही विधानसभा के चुनाव की तारीख को आगे बढ़ाने की मांग कर चुके हैं और इसके लिए चुनाव आयोग से मांग कर चुके हैं। लेकिन अभी तक राज्य सरकार ने इस बारे में कुछ नहीं कहा है। लेकिन इस बारे में पहली बार राज्य के सीएम ने इशारा किया है।

Date of assembly elections may go ahead in Bihar, CM gave hints

पटना। बिहार में आगे विधानसभा चुनाव की तारीख आगे बढ़ सकती हैं। राज्य में कोरोना के कहर के साथ साथ ही बाढ़ के कारण राज्य की स्थिति काफी खराब है। लिहाजा माना जा रहा है कि राज्य में विधानसभा की तारीख आगे बढ़ सकती हैं। अब राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके संकेत दिए हैं। हालांकि चुनावों को लेकर फैसला चुनाव आयोग को लेना है।

Date of assembly elections may go ahead in Bihar, CM gave hints

असल में राज्य में विपक्षी दल पहले से ही विधानसभा के चुनाव की तारीख को आगे बढ़ाने की मांग कर चुके हैं और इसके लिए चुनाव आयोग से मांग कर चुके हैं। लेकिन अभी तक राज्य सरकार ने इस बारे में कुछ नहीं कहा है। लेकिन इस बारे में पहली बार राज्य के सीएम ने इशारा किया है। राज्य विधानसभा में चल रहे मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विधानसभा का चुनाव समय पर होगा या नहीं, अभी कहना मुश्किल है और इसके लिए फैसला चुनाव आयोग को करना है।

हालांकि राज्य के हालात को देखते हुए अब तक विपक्षी पार्टियां इस चुनाव का विरोध कर ही है और राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल इसके लिए चुनाव आयोग से मांग कर चुकी हैं। वहीं एनडीए का घटक दल लोकजनशक्ति पार्टी भी चुनाव आयोग से चुनावों को टालने की मांग कर चुके हैं। इन दलों का कहना है कि राज्य में कोरोना का कहर है और इसके साथ ही राज्य में बाढ़ का प्रकोप है। लिहाजा ऐसे हालात में चुनाव कराना सही नहीं है। क्योंकि राज्य की जनता पूरी तरह से अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सकेगी।

वहीं सत्ताधारी दल के नेता खुलकर चुनाव समय पर कराने की बात कह रहे थे लेकिन अब राज्य के सीएम नीतीश कुमार भी मान रहे हैं कि राज्य के मौजूदा हालत के बीच चुनाव समय पर होना बेहद मुश्किल है। राज्य में चल रहे मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव समय पर होंगे या नहीं फिलहाल ये कहना मुश्किल है। हालांकि इसके लिए चुनाव आयोग को फैसला लेना है। 
 

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