पुरुलिया में योगी की रैली के बाद से विश्व हिंदू परिषद् नेता लापता

By Anindya Banerjee  |  First Published Feb 7, 2019, 2:28 PM IST

बंगाल का विवाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के धरने के साथ ही खत्म नहीं हुआ है। यहां हिंदूवादी संगठनों और टीएमसी के बीच की जंग अब तक जारी है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पुरुलिया में हुई रैली के बाद से ही विश्व हिंदू परिषद् का एक नेता गायब है। बीजेपी का मानना है कि उसे तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अगवा कर लिया है। 

राजनीतिक रुप से संवेदनशील इलाके में कार्तिक कुमार नाम के एक विहिप नेता रहते थे। बहुत से लोगों की तरह वह भी पुरुलिया में योगी आदित्यनाथ की रैली में शामिल होने के लिए गए हुए थे। लेकिन कार्तिक वहां से वापस नहीं लौटे। वह मंगलवार की रात से लापता हैं। 

पुलिस ने जांच शुरु कर दी है, लेकिन विहिप नेता का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ममता सरकार पर हमलावर होगया है। 
पुलिस को उस मोटरसायकिल के टूटे हुए हिस्से मिले हैं, जिससे कार्तिक घोराई रैली में शामिल होने के लिए गए थे। 

माय नेशन से बातचीत में कार्तिक घोराई के परिजनों ने इस घटना की पुष्टि की है। उनके आठ साल के बेटे बताया कि ‘मैं नहीं जानता की वह कहां गायब हैं। उन्होंने कहा था कि वह सुबह आ जाएंगे और मेरे लिए किताबें खरीदेंगे। लेकिन अब तक वह वापस नहीं लौटे।’

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बीजेपी नेता चंद्र कुमार बोस ने माय नेशन को बताया कि ‘यह एक गंभीर बात है। लोग गायब हो रहे हैं। यह खतरनाक स्थिति है। हमने केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से कानून और व्यवस्था की हालत के बारे में चर्चा की है। नेताओं के पास तो अपना सुरक्षा कवच होता है। लेकिन कार्यकर्ता खतरे में है। हमलोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।’

पुरुलिया इसलिए संवेदनशील है क्योंकि बीजेपी पुरुलिया के रास्ते बंगाल में घुसने का रास्ता तलाश रही है। पिछले पंचायत चुनाव के दौरान यहा की एक तिहाई सीटों पर चुनाव नहीं हो पाया था। क्योंकि विपक्षी उम्मीदवार अपना नामांकन भी दाखिल नहीं कर पाए थे। फिर भी पुरुलिया में बीजेपी ने सत्तारुढ़ टीएमसी को जमीन दिखा दी थी। 
जिसके बाद हत्याओं का दौर शुरु हो गया। जिले के दो बीजेपी नेता दुलाल कुमार और त्रिलोचन महतो रहस्यमय परिस्थितियों में फांसी पर लटके हुए पाए गए थे। 

बीजेपी नेताओं ने इन हत्याओं का आरोप टीएमसी कार्यकर्ताओं पर लगाया था। लेकिन टीएमसी इससे इनकार कर रही है। इस जिले में हिंसा के पुराने इतिहास को देखते हुए घोराई के लापता होने की घटना चिंतित करने वाली है। 

यह घटना पुरुलिया जिले के बलरामपुर थाना क्षेत्र के करमा गांव की है। चश्मदीदों ने बताया कि जब कार्तिक घोराई लौट रहे थे तो एक स्कॉर्पियो गाड़ी उनका पीछा कर रही थी। घोराई का फोन बीच रास्ते में ही बंद हो गया था और अब तक स्विच ऑफ बता रहा है। 

सूत्रों ने बताया है कि पुलिस को घोराई की गाड़ी के साथ उनके मोबाइल के टूटे हुए टुकड़े भी मिले हैं। 
 

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