रामपाल पर फैसला आज, लॉ एंड आर्डर बनाए रखने के लिए धारा 144 लागू

By Team MynationFirst Published Oct 11, 2018, 10:14 AM IST
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हिसार को किले में तब्दील कर दिया गया है। लॉ एंड आर्डर की स्थिति को बनाए रखने के लिए मध्यप्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के विभिन्न हिस्सों से हिसार आने वाली ट्रेनों का संचालन नहीं होगा।

हिसार--हरियाणा के सतलोक आश्रम मामले में जेल में बंद बाबा रामपाल के खिलाफ आज कोर्ट का फैसला  आना है। फैसले को देखते हुए हिसार और उसके आसपास की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। 

हिसार को किले में तब्दील कर दिया गया है। लॉ एंड आर्डर की स्थिति को बनाए रखने के लिए मध्यप्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के विभिन्न हिस्सों से हिसार आने वाली ट्रेनों का संचालन नहीं होगा।

हरियाणा प्रशासन ने मामले को गंभीरता को देखते हुए हुए रैपिड एक्शन फोर्स की कंपनियां मांगी हैं। प्रदेश सरकार ने हिसार में पांच कंपनियों की तैनाती की है। प्रदेश सरकार ने हिसार के आसपास के जिलों से

भी पुलिस बल को तैनात कर दिया है। पुलिस प्रशासन ने शहर के नाकों पर पुलिस बल बढ़ा दिया है। नाकों पर पुलिस कर्मियों की संख्या 12 से 24 तक कर दी है। तैनात किए गए जवान 15 अक्टूबर तक तैनात रहेंगे।

रामपाल के समर्थक शहर में प्रवेश ना कर सकें इसको लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। प्रसाशन इस बात को लेकर भी सजग है कि गुरमीत राम रहीम मामले की सुनवाई के दौरान उनके समर्थकों ने

पंचकुला में बड़े पैमाने पर हिंसा की थी। इसलिए प्रशासन पहले से ही एहतियात बरत रहा है. प्रशासन को अंदेशा है कि सुनवाई के दौरान रामपाल के 10 से 20 हजार श्रद्धालु कोर्ट परिसर, सेंट्रल जेल, लघु सचिवालय, टाउन पार्क और रेलवे जैसी जगहों पर इकट्ठा हो सकते हैं।

 

Security increased at Hisar Railway station ahead of verdict in Sant Rampal (Satlok Ashram) case today. In order to maintain law&order situation, operation of trains from different parts of Rajasthan,Punjab,Madhya Pradesh&Haryana to Hisar will be stopped today. from 10.10 pic.twitter.com/WoOGhKY5un

— ANI (@ANI)

रामपाल पर बरवाला के सतलोक आश्रम प्रकरण में हत्या के मुकदमा नंबर 429 और 430 में 11 अक्तूबर को फैसला आने वाला है। प्रशासन ने फैसले को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। बरवाला के

सतलोक आश्रम प्रकरण में हत्या के दो मुकदमों की सुनवाई अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय पराशर सेंट्रल जेल वन में कर रहे थे। उनका पिछले दिनों यहां से तबादला हो गया। उसके बाद रामपाल के

प्रमुख तीन मुकदमें अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डीआर चालिया की अदालत में स्थानांतरित हो गए। अब वे सेंट्रल जेल वन में इन मुकदमों की सुनवाई कर रहे हैं। दोनों मुकदमों में बहस पूरी हो चुकी है। 

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