दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने प्रदूषण पर काबू पाने के लिए ‘ग्रीन दिल्ली’ एप विकसित कर रही है और अक्टूबर के महीने में बनकर तैयार हो जाएगा। इस एप के माध्यम से आम लोग प्रदूषण संबंधी शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का तापमान गिरने के साथ ही दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में हवा के साथ ही प्रदूषण बढ़ने लगा है। वहीं दिल्ली से सटे पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के कारण दिल्ली में प्रदूषण बढ़ना शुरू हो गया है। लिहाजा दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण केआहट देखते हुए सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। इसके लिए दिल्ली सरकार ने एक मास्टर प्लान तैयार किया है ताकि कोरोना संकटकाल में लोगों को प्रदूषण की वजह से परेशानी नहीं झेलनी पड़े।
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने प्रदूषण पर काबू पाने के लिए ‘ग्रीन दिल्ली’ एप विकसित कर रही है और अक्टूबर के महीने में बनकर तैयार हो जाएगा। इस एप के माध्यम से आम लोग प्रदूषण संबंधी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। दिल्ली सरकार का कहनाहै कि अगर कहीं कूड़ा जल रहा हो, ट्रक प्रदूषण फैला रहे हो या अन्य किसी तरीके से प्रदूषण फैल रहा है तो इस एप के माध्यम से दिल्ली के लोग वीडियो या फोटो अपलोड करेंगे। उनकी इस समस्या का निदान किया जाएगा। वहीं एप पर मिलने वाले शिकायतों की निगरानी मुख्यमंत्री खुद करेंगे।
राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि प्रदूषण के खिलाफ महाअभियान के जरिए सोमवार से दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ जंग छेड़ दी गई है, जो अगले तीन-चार महीने तक जारी रहेगी। दिल्ली में आसपाल के जिलों में पराली जलने से सबसे अधिक प्रदूषण फैलता है। इसके लिए दिल्ली सरकार ने रास्ता निकाला है और पूसा इंस्टीट्यूट ने एक रासायनिक घोल तैयार किया है। जिसे पराली पर छिड़क दिया जाए तो पराली खाद में तब्दील हो जाती है। उनका कहना है कि केमिकल के छिड़काव से पूरा डंठल खाद बन जाता है।
इससे किसानों को भी फायदा होगा और प्रदूषण में भी कम आएगी। सीएम केजरीवाल का कहना है कि राज्य में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिल्ली सरकार ने एक वॉर रूम तैयार किया है और इसके जरिए प्रदूषण रोकने के उपायों की रोकने मॉनिटरिंग की जाएगी। वहीं दिल्ली सरकार ने राज्य में प्रदूषण को रोकने और राज्य में हरियाणा को बढ़ाने के लिए नई ट्री-प्लांटेशन नीति तैयार कर रही है।
इसके तहत अगर कोई एजेंसी पेड़ काटती है तो 80 प्रतिशत पेड़ों को जैसी स्थिति में है वैसी ही स्थिति में दूसरी जगह पर शिफ्ट करना होगा। वहीं एक पेड़ काट कर दस पौधा लगाने की नीति में इस तरह से बदलाव किया जाएगा। इसके अलावा दिल्ली सरकार प्रदूषण रोकने के लिए टी डस्ट कैंपेन शुरू करेगी। क्योंकि मिट्टी उड़ने की वजह से भी प्रदूषण तेजी से फैसला है। इसके लिए दिल्ली सरकार के अधीनस्त विभाग निर्माणाधीन स्थलों की लगातार निगरानी रखेंगे और नियमों का उल्लंघन करने पर चालान किया जाएगा। इसके साथ ही मेकेनिकल स्वीपर से सड़कों की सफाई की जाएगी।