दिल्ली में नागरिकता संसोधन कानून और एनआरसी को लेकर दिल्ली के सीमापुरी में हुई हिंसा में शामिल पांच लोगों को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें 2 बांग्लादेशी भी शामिल हैं जबकि दो अन्य उत्तर प्रदेश के हैं। ये सभी सीमापुरी इलाके में रहे हैं और दिल्ली में इन लोगों ने जमकर हिंसा फैलाई थी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था।
नई दिल्ली। नागरिकता संसोधन कानून को लेकर देशभर के साथ ही दिल्ली में हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दो बांग्लादेशी सहित 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। दिल्ली के सीमापुरी में उपद्रवियों ने जमकर हिंसा फैलाई थी और पुलिस को भी निशाना बनाया था। फिलहाल अभी पुलिस जांच कर रही है।
दिल्ली में नागरिकता संसोधन कानून और एनआरसी को लेकर दिल्ली के सीमापुरी में हुई हिंसा में शामिल पांच लोगों को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें 2 बांग्लादेशी भी शामिल हैं जबकि दो अन्य उत्तर प्रदेश के हैं। ये सभी सीमापुरी इलाके में रहे हैं और दिल्ली में इन लोगों ने जमकर हिंसा फैलाई थी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक हिंसा में शामिल आरोपियों की पहचान गाजियाबाद निवासी मोहम्मद शोएब, पीलीभीत निवासी मोहम्मद आमिर, सीमापुरी निवासी यूसुफ और बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद आजाद और मोहम्मद सुभान के तौर पर हुई है।
दिल्ली पुलिस ने इन पांचों आरोपियों के साथ ही दो अन्य नाबालिगों को भी हिरासत में लिया गया है। दिल्ली पुलिस ने सीलमपुर, जाफराबाद, नंदनगरी, सीमापुरी, दरियागंज और न्यू फ्रेंड्स कालोनी में हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया है। गौरतलब है कि दिल्ली में नागरिकता कानून को लेकर दिल्ली में जमकर प्रदर्शन करने वालों ने जमकर हिंसा फैलाई थी औ पुलिस को निशाना बनाया था। उपद्रवियों ने पुलिस को निशाने बनाते हुए सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था।
उपद्रवियों ने दिल्ली के कई हिस्सों में हिंसा फैलाई थी। हालांकि दिल्ली पुलिस हिंसा में विदेश कनेक्शन की भी जांच कर रही है। लेकिन अभी तक कई पहलूओं पर जांच की गई, जिसमें इस बात का पता चला रहा कि कई संगठनों का हिंसा में हाथ था। दिल्ली और यूपी समेत कई राज्यों में हुई हिंसा में पीएफआई के हाथ होने का खुलासा हुआ है। इसके लिए यूपी सरकार केन्द्र सरकार ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।