देसी दीयों की बढ़ रही है मांग, चीन को दिवाली में बड़ा झटका लगेगा

वहीं कई राज्य सरकारों के अधीन निगम ग्रामीण स्तर पर छोटे निर्माताओं को देसी उत्पाद बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और आर्थिक मदद दे रहे हैं। इसके अलावा देश में ट्रेडर के संगठनों ने द्वारा चीनी उत्पादों का बहिष्कार किया जा रहा है।

Demand for Desi Diyas is increasing, China will get a big shock in Diwali

नई दिल्ली। दिवाली का त्यौहार आने वाला है और दीयों की मांग आसमान छू रही है। हालांकि देश में चीनी दीयों की मांग खत्म हो गई है देसी दीयों की मांग लगातार बढ़ रही है। भारत चीन विवाद के बाद चीनी उत्पादों के खिलाफ माहौल बना हुआ है और ऐसे में देसी दीयों की तरफ लोगों का झुकाव बढ़ रहा है। देश की जनता भी चीन निर्मित लैंप को छोड़कर भारतीय दीयों की मांग कर रहे हैं।

एक समाचार एजेंसी के मुताबिक दुकानदारों का कहना है कहना है कि ग्राहक अब चीनी वस्तुओं का नकार रहे हैं और देसी उत्पादों की मांग कर रहे हैं। इससे हम निश्चित रूप से इससे लाभान्वित होंगे क्योंकि हम अपनी दुकान में भारत के उत्पादों से बने हस्तनिर्मित रख रहे हैं। हालांकिं पिछले साल तक देश में त्योहारों के मौके पर चीनी उत्पादों की मांग ज्यादा रहती थी। लेकिन अब ग्राहक देसी उत्पाद की मांग कर रहे हैं। फिलहाल चीन विरोधी रुख के कारण देसी उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है। वहीं कारोबारी भी चीनी उत्पादों के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं और इससे देसी उत्पादकों का लाभ हो रहा है। भारतीय सैनिकों ने पैट्रोल पॉइंट 14 पर लद्दाख में एक चीनी टेंट को ध्वस्त कर दिया था।

इसके बाद चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों की झड़प हुई थी और इसमें भारतीय जवान शहीद हुए थे। जिसके बाद से ही देश में चीनी उत्पादों के खिलाफ अभियान चल रहा है। वहीं कई राज्य सरकारों के अधीन निगम ग्रामीण स्तर पर छोटे निर्माताओं को देसी उत्पाद बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और आर्थिक मदद दे रहे हैं। इसके अलावा देश में ट्रेडर के संगठनों ने द्वारा चीनी उत्पादों का बहिष्कार किया जा रहा है। हालांकि देसी उत्पाद बनाने वाले निर्माताओं का कहना है कि देसी में इन उत्पादों  की लगातार मांग बढ़ रही है।


 

vuukle one pixel image
click me!