भारत द्वारा एयर स्ट्राइक बाद पाकिस्तान ने भारत से व्यापारिक कारोबार को बंद कर दिया है। हालांकि इसका ज्यादा नुकसान पाकिस्तान को ही पहुंचा है। क्योंकि पाकिस्तान को ज्यादातर उत्पादों के लिए भारत पर ही निर्भर रहना पड़ता था। यही नहीं इसके कारण पाकिस्तान के राजस्व में भी गिरावट देखने को मिली है।
नई दिल्ली। पाकिस्तान में भारतीय उत्पाद बाजार में जमकर बिक रहे हैं। जबकि पाकिस्तान की इमरान सरकार ने भारतीय उत्पादों परर प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन उसके बावजूद भारतीय उत्पादों की पाकिस्तान के बाजार में जबरदस्त मांग है। पाकिस्तान के बाजार में ये उत्पाद तस्करी के जरिए पहुंच रहे हैं। जिससे पाकिस्तान को राजस्व का नुकसान हो रहा है। पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध लगाया गया है। उसके बावजूद सीडी और ऑनलाइन फिल्म के प्रिंट बिक रहे हैं।
भारत द्वारा एयर स्ट्राइक बाद पाकिस्तान ने भारत से व्यापारिक कारोबार को बंद कर दिया है। हालांकि इसका ज्यादा नुकसान पाकिस्तान को ही पहुंचा है। क्योंकि पाकिस्तान को ज्यादातर उत्पादों के लिए भारत पर ही निर्भर रहना पड़ता था। यही नहीं इसके कारण पाकिस्तान के राजस्व में भी गिरावट देखने को मिली है। इसके बावजूद पाकिस्तान के बाजार में भारतीय उत्पाद धड़ल्ले से बिक रहे हैं। ये उत्पाद पाकिस्तान के बाजार में तस्करी के जरिए पहुंच रहे हैं।
इससे पाकिस्तान सरकार को राजस्व में बड़ी चपत लग रही है। पाकिस्तान के बाजार में ये उत्पाद ज्यादा मंहगी कीमतों पर बेचे जा रहे हैं। पाकिस्तान ने भारतीय फिल्मों पर भी प्रतिबंध लगा रखा है। लेकिन पाकिस्तान के घरों में अभी भी हिंदी फिल्में देखी जा रही हैं। पाकिस्तान में फिल्में ऑनलाइन खरीदी जा रही हैं और इसकी सीडी दोगुनी कीमत पर बेची जा रही है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक पाकिस्तान में भारतीय उत्पाद बांग्लादेश और अन्य देशों के बंदरगाहों से वहां भेजे जा रहे हैं। इन उत्पादों के बाहर से भारत का नाम हटाया जा रहा है। पाकिस्तान सरकार ने इसको स्वीकार किया है कि भारतीय उत्पाद पाकिस्तान के बाजार में धड़ल्ले से बिक रहे हैं।
गौरतलब है कि पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से तरजीही राष्ट्र का दर्जा वापस ले लिया था। जिसके बाद पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ गई थी। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने भारतीय दवाओं पर प्रतिबंध लगाया था। लेकिन पाकिस्तान में मंहगी होती दवाओं को देखते हुए उसने वैक्सीन को भारत से आयात किया था। क्योंकि भारत से आयातित दवा जहां 1000 रुपये की थी वहीं यूरोप से आयात की जाने वाली वैक्सीन 50 रुपये की है।