सत्ता में शामिल होने के बावजूद झारखंड में कांग्रेस को लग सकता है झटका

राज्य में राजद के प्रेमचंद गुप्ता और निर्दलीय परिमल नथवानी का कार्यकाल पूरा होने के कारण दो सीटें खाली हैं। इन सीटों पर चुनाव आयोग ने 19 जून को चुनाव कराने का आदेश दिया है। हालांकि इन सीटों पर 26 मार्च को चुनाव होने थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण इसे टाल दिया गया फिलहाल झारखंड में दो सीटों के लिए गहमागहमी बढ़ गई।

Despite being in power, Congress may get a shock in Jharkhand

रांची। झारखंड में सत्ता के बावजूद कांग्रेस को झटका लगता है। राज्य में राज्यसभा के चुनाव होने हैं और ऐसे में कांग्रेस की राह आसान नहीं है। जबकि भाजपा और जेएमएम का एक-एक सीट पर जीतना तय है। लेकिन कांग्रेस को राज्य मे राज्यसभा चुनाव में झटका लग सकता है।

Despite being in power, Congress may get a shock in Jharkhand

राज्य में राजद के प्रेमचंद गुप्ता और निर्दलीय परिमल नथवानी का कार्यकाल पूरा होने के कारण दो सीटें खाली हैं। इन सीटों पर चुनाव आयोग ने 19 जून को चुनाव कराने का आदेश दिया है। हालांकि इन सीटों पर 26 मार्च को चुनाव होने थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण इसे टाल दिया गया फिलहाल झारखंड में दो सीटों के लिए गहमागहमी बढ़ गई। राज्य में मतों के गणित के तहत झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रमुख शिबू सोरेन और भाजपा प्रत्याशी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश का जीतना तय माना जा रहा है।  

हालांकि कांग्रेस ने भी संख्याबल न होने के बावजूद राज्यसभा के लिए अपने प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। फिलहार राज्य में कांग्रेस ने शहजादा अनवर को मैदान में उतारा है। हालांकि कांग्रेस को इस बात की उम्मीद है कि राज्य में क्रॉस वोटिंग हो सकती है और इसी रणनीति के तहत कांग्रेस ने प्रत्याशी उतारा है।  

जानें किसके पास कितना है संख्याबल

राज्य की 81 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में 79 सदस्य हैं। राज्य के सीएम हेमंत सोरेन के दुमका विधानसभा सीट छोड़ने और कांग्रेस के बेरमो से विधायक राजेंद्र सिंह के निधन के कारण दो सीटें खाली हैं।  वहीं एक सीट जीतने के लिए  27 वोटों की जरूरत है।  वहीं जेएमएम के पास 29 विधायक हैं और उनका जीतना तय है जबकि भाजपा के पास 25 विधायक हैं। वहीं बाबूलाल मरांडी के भाजपा में आने और आजसू के दो विधायकों और एक निर्दलीय विधायक के आने से भाजपा के पास जीतने के लिए जरूरी मत हैं। वहीं राज्य में कांग्रेस के 15 विधायक हैं। इसके साथ ही झामुमो के दो अतिरिक्त वोट, राजद के एक और भाकपा माले के एक वोट के जरिए कांग्रेस राज्यसभा की एक सीट जीतने की तैयारी में हैं। फिलहाल कांग्रेस को आठ मतों की जरूरत है। वहीं झारखंड विकास मोर्चा से अलग हुए प्रदीप यादव और बंधु तिर्की का मत मिलने के बाद कांग्रेस के पास 21 मतों की संख्या होती है। इस लिहाज से देखा जाए तो कांग्रेस जीत नहीं बल्कि सेंधमारी के लिए चुनाव में उतरी है।

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