कांग्रेस में पैसे लेकर बांटे जा रहे हैं टिकट, क्या सचमुच दिग्विजय ने लगाया यह आरोप?

By manish masoom  |  First Published Oct 31, 2018, 2:05 PM IST

"प्रदेश के नेता मेरी उपेक्षा कर रहे हैं, मीडिया सवाल उठा रहा है फिर भी मैं अपने निर्णय पर कायम हूं पर जब यह सुनने में आया की राज्य चुनाव समिति, टिकट बांटने में धंधा कर ही है तो दुखी होकर यह पत्र लिख रहा हूं।"

नई दिल्ली- मध्य प्रदेश में चुनावों में मतदान के लिए महीने भर से भी कम का समय बचा हुआ है। हिंदुस्तान के दिल पर अपना परचम फहराने के लिए देश की दोनों प्रमुख पार्टियां शिद्दत से जुटी हैं। राज्य में 28 नवंबर को वोटिंग होगी। पार्टियों की तरफ से उम्मीदवारों पर माथापच्ची की जा रही है। इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री की चिट्ठी ने कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

पार्टी की राज्य इकाई में गुटबाजी हावी है और टिकटों के बंटवारे में धांधली हो रही है। यह बात दिग्गी राजा की चिट्ठी से साफ होती है। दरअसल इस कांग्रेसी नेता ने यूपीए की चेयरपर्सन और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिख कर 57 (दिग्विजय के ही शब्दों में साफ-सुधरी छवी के) नेता-कार्यकर्ताओं को पार्टी का उम्मीदवार बनाने की सिफारिश की है। 

सोनिया गांधी को दिग्विजय सिंह पत्र में लिखते हैं कि " इस पत्र का माध्यम से मैं राहुल जी और आप तक 57 प्रबल दावेदारों के नाम पहुंचा रहा हूं। यह लोग पार्टी के साथ के जुड़े हैं और मध्य प्रदेश कांग्रेस के अंदर बने किसी भी गुट से नाता नहीं रखते । इन्होंने सालों से केवल पार्टी के हित में काम किया है और आगे भी करेंगे।"

दिग्विजय की इस चिट्ठी ने पार्टी में गुटबाजी को उजागर तो किया ही है, इससे आगे दिग्विजय ने जो लिखा है वो पार्टी में टिकट बंटवारे के नाम हो रही धांधली को सतह पर रख रही है। यह अलग बात है कि अभी पार्टी ने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान नहीं किया है। 

दिग्विजय पत्र में आगे लिखते हैं कि "नर्मदा परिक्रमा करने के बाद भी मैंने पार्टी हित में खुद को इस चुनाव से दूर रखा। प्रदेश के नेता मेरी उपेक्षा कर रहे हैं, मीडिया सवाल उठा रहा है फिर भी मैं अपने निर्णय पर कायम हूं पर जब यह सुनने में आया की राज्य चुनाव समिति, टिकट बांटने में धंधा कर ही है तो दूखी होकर यह पत्र लिख रहा हूं।"

बता दें कि राज्य में अरुण यादव की जगह कमलनाथ को अध्यक्ष बनाए जाने और ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनावों में पार्टी के प्रचार अभियान का प्रमुख बनाए जाने के बाद से ही दिग्विजय की नाराजगी सामने आती रही है। पिछले दिनों ही उन्होंने कहा था कि मेरे बोलने से पार्टी के वोट कटते हैं तो अच्छा है कि मैं ना ही बोलूं और इसीलिए मैं पार्टी का प्रचार भी नहीं कर रहा। वीडियो वायरल हुआ था और कांग्रेस की खूब किरकिरी हुई थी। 

Breaking ! Digvijay singh accepted That I am burden of congress party pic.twitter.com/hlcckwfomT

— Ajit Doval (@Doval_Ajit12)

बता दें कि पिछले तीन कार्यकालों से मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज बीजेपी को चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने संगठन स्थर पर फेरबदल तो किए लेकिन अदंरूनी मर्ज का इलाज नहीं हुआ शायद। दिग्विजय सिंह का पत्र इसकी तस्दीक करता है।

दिग्विजय की सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी पर माय नेशन ने कांग्रेस से प्रतिक्रिया ली। संवाददाता अनिंद्य बनर्जी बनर्जी से कांग्रेस के एक वरिष्ठ प्रवक्ता ने यह कहा कि "चिट्ठी मामले पर हम खुद दिग्विजय की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं और मामले पर पार्टी नेताओं की गंभीर नजर है।

मामले के तूल पकड़ने पर दिग्विजय सिंह ने ट्वीटर पर सफाई देते हुए लिखा है कि "यह क्या फ्रॉड है, मैंने ऐसा कोई पत्र नहीं लिखा।"
 

What a fraud! I have never written this letter. pic.twitter.com/TToyqcaVmN

— digvijaya singh (@digvijaya_28)

(अनिंद्य बनर्जी के इनपुट के साथ)

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