शिवराज सिंह चौहान अपनी परंपरागत सीट बुधनी से ही चुनाव लडेंगे। मंत्री माया सिंह के साथ जिन मंत्रियों और विधायकों को पार्टी ने चुनावों में दरवाजा दिखाया है उनकी जगह पर नए चेहरों को मौका दिया गया है।
नई दिल्ली- मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। लिस्ट में 27 मौजूदा विधायकों का नाम नहीं है। उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टी ने आला नेताओं ने काफी माथापच्ची की है। उम्मीदवारों की घोषणा से पहले पार्टी ने काफी वक्त लिया। इसका सीधा मतलब यह है कि केंद्रीय चुनाव समिति के सचिव जेपी नड्डा के लिस्ट के अंतिम स्वरूप पर हस्ताक्षर करने से पहले पार्टी अध्यक्ष अमित शाह खुद एक-एक नाम की बारीकी से छानबीन की है। पार्टी के सामने मजबूत उम्मीदवारों के नाम के ऐलान से पहले तमाम व्यवधान रहे।
अगर ऐसा नहीं होता तो दो महत्वपूर्ण मंत्रियों के टिकट नहीं काटे जाते। बीजेपी ने इन मंत्रियों की जगह अन्य चेहरों को उम्मीदवार बनाया है क्योंकि शिवराज सिंह चौहान को भारी सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है।
बहरहाल, शिवराज सिंह चौहान अपनी परंपरागत सीट बुधनी से ही चुनाव लडेंगे। मंत्री माया सिंह के साथ जिन मंत्रियों और विधायकों को पार्टी ने चुनावों में दरवाजा दिखाया है उनकी जगह पर नए चेहरों को मौका दिया गया है।
मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं, उम्मीदवारों की दूसरी सूची भी तैयार है। इसपर पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने अपनी मुहर लगा दी है। केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के अलावा सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, राजनाथ सिंह के साथ और वरिष्ठ नेता शामिल रहे थे।
शिवराज सिंह चौहान राज्य में किसानों की नाराजगी का सामना कर रहे हैं, इस मसले को भुनाने के लिए कांग्रेस ने काफी पहले अपना प्रचार शुरू कर दिया था। वहीं केंद्र सरकार की तरफ लाए गए एससी-एसटी अध्यादेश ने सवर्ण हिंदुओं की तरफ से प्रदेश के मुखिया के सामने परेशानी खड़ी की। इन मौजूदा समस्याओं के साथ दशकों से सत्ता पर काबिज बीजेपी के लिए एंटी इन्कम्बेंसी फैक्टर ने पार्टी को गहन विचार करने पर मजबूर किया। गुरुवार शाम को उम्मीदवारों के नाम पर लगातार विचार होता रहा।
दिलचस्प बात तो यह कि शुक्रवार सुबह तक उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने की बात से इनकार किया। गुरुवार देर रात तक चली बैठक के बाद नाम छापने की शर्त पर बीजेपी सीईसी के एक सदस्य ने माय नेशन को बताया कि "अंदर जो कुछ हुआ वह घमासान से कम नहीं था" उन्होंने साफ संकेत दे दिया था कि कई मौजूदा विधायक इस बार लिस्ट में जगह नहीं बना पाएंगे।
राज्य में 28 नवंबर को वोटिंग होनी है।