दिल्ली नोएडा समेत कई राज्यों में लॉकडाउन के चलते बड़ी संख्या में लोग अपने गावों की तरफ भाग रहे हैं। वहीं इसके मद्देनजर नोएडा जिला प्रशासन ने दिहाड़ी मजदूरों और कामगारों को राहत देने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। जिला प्रशासन ने जिले के औद्योगिक संस्थानों को आदेश दिया है कि वह मजदूरों और कामगारों को को पेड लीव दे।
नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा ने जिला प्रशासन ने दिहाड़ी मजदूरों और कामगारों को बड़ी राहत दी है। जिला प्रसाशन ने जिले की फैक्ट्री और संस्थानों को आदेश दिया है कि कोरोना वायरस की माहमारी के बीच दिहाड़ी मजदूरों और कामगारों को 28 दिनों की पेड लीव दी जाएगा। वहीं शनिवार को जिला प्रशासन ने नोएडा में रह रहे लोगों को बड़ी राहत दी थी, जिसके तहत प्रशासन ने नोएडा में रह रहे किरायेदारों से एक महीने का किराये मकान मालिक से नहीं लेने का आदेश दिया था। जिला प्रशासन ने कहा था कि अगर कोई मकान मालिक इसका उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ कार्यावाही की जाएगी।
दिल्ली नोएडा समेत कई राज्यों में लॉकडाउन के चलते बड़ी संख्या में लोग अपने गावों की तरफ भाग रहे हैं। वहीं इसके मद्देनजर नोएडा जिला प्रशासन ने दिहाड़ी मजदूरों और कामगारों को राहत देने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। जिला प्रशासन ने जिले के औद्योगिक संस्थानों को आदेश दिया है कि वह मजदूरों और कामगारों को को पेड लीव दे। ताकि कोरोना वायरस के इस संकट में उनके सामने रोजी रोटी की दिक्कत नहीं आए।
गौरतलब है कि देश के सभी राज्यों में लॉकडाउन के कारण औद्योगिक संस्थान और फैक्ट्रियां बंद हैं। जिला प्रशासन ने कहा है कि अगर कोई कोरोना का मरीज है तो उसे भी 28 दिन की अतिरिक्त पेड लीव दी जाए। असल में लॉकडाउन के कारण लोग घरों को भाग रहे हैं क्योंकि उनके सामने नौकरी और सैलरी का संकट है। जिसके कारण राज्य में स्थिति खराब हो रही है। दिल्ली से सटे गाजियाबाद की सीमा पर हजारों की संख्या में लोग अपने अपने घरों को जाने के लिए कतार में खड़े हैं। हालांकि राज्य सरकार ने इन लोगों के लिए बसों की व्यवस्था कराई है। लेकिन उसके बावजूद लगातार दिहाड़ी मजदूर और कामगार घर जाने के लिए सीमा पर आ रहे हैं।
जिला प्रशासन ने शनिवार देर रात को इसके लिए आदेश जारी किया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे पहले ही महामारी घोषित कर दिया है। जिला प्रशासन ने यह आदेश राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कानून 2005 के तहत दिया है। अगर कोई इसका उल्लंघन करेगा तो उसे एक साल की जेल या जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है। इसके साथ ही अगर किसी मजदूर या कामगार की मौत होती है तो उसे दो साल की जेल का भी प्रावधान है। गौरतलब है कि अभी तक नोएडा में अब तक 26 मामले सामने आ चुके हैं।