झूठे चीन पर न करें भरोसा, संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ देगा ड्रैगन

By Harish TiwariFirst Published Aug 15, 2019, 1:02 PM IST
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जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद सबसे पहले पाकिस्तान ने चीन का ही दरवाजा खटखटाया था। हालांकि दुनियाभर में किसी भी देश ने पाकिस्तान का समर्थन नहीं किया था। यही नहीं मुस्लिम देशों ने भी पाकिस्तान का साथ नहीं दिया था। लिहाजा पाकिस्तान को चीन का ही सराहा था। हालांकि चीन ने भी खुलेतौर पर पाकिस्तान का साथ नहीं दिया बल्कि अब वह पीछे से पाकिस्तान का साथ दे रहा है।

नई दिल्ली। चीन ने एक बार फिर पाला बदल लिया है। झूठे चीन ने पाकिस्तान की बात सुनने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में औपचारिक बैठक बुलाने की की मांग का समर्थन किया है। इसके लिए चीन की तरफ से पोलैंड को पत्र लिखा गया है। दो दिन ही पहले चीन ने इस मामले में दखल न देने का फैसला किया था।

आतंकवाद की फैक्ट्री कहे जाने वाला पाकिस्तान जम्मू कश्मीर के अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद बौखलाया हुआ है। हालांकि उसे दुनिया भर में कहीं भी समर्थन नहीं मिला लेकिन चीन अब उसकी मदद पिछले दरवाजे से कर रहा है। एक तरफ चीन भारत से कह रहा है कि वह इस मसले पर दखलअंदाजी नहीं करेगा वहीं पाकिस्तान के समर्थन में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की औपचारिक बैठक बुलाने की मांग कर रहा है और इसके लिए उनसे परिषद को पत्र लिखा है।

इस साल पोलैंड परिषद की अध्यक्षता करेगा। चीन ने जम्मू कश्मीर पर पाकिस्तान की शिकायतों को सुने जाने की मांग की है। इससे चीन का दोहरा चेहरा सबके सामने आ गया है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद सबसे पहले पाकिस्तान ने चीन का ही दरवाजा खटखटाया था।

हालांकि दुनियाभर में किसी भी देश ने पाकिस्तान का समर्थन नहीं किया था। यही नहीं मुस्लिम देशों ने भी पाकिस्तान का साथ नहीं दिया था। लिहाजा पाकिस्तान को चीन का ही सराहा था। हालांकि चीन ने भी खुलेतौर पर पाकिस्तान का साथ नहीं दिया बल्कि अब वह पीछे से पाकिस्तान का साथ दे रहा है।

चीन ने 16 अगस्त को यूएनएससी की होने वाली बैठक के लिए आधिकारिक तौर पर पोलैंड को खत लिखा गया है। असल में पोलैंड अगस्त महीने का काउंसिल चेयरमैन है। यही कारण है कि बैठक बुलाने के लिए उसकी मंजूरी जरूरी है।  वहीं इसी मुद्दे पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी संयुक्त राष्ट्र को चिट्ठी लिखी थी। 

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