चीन भी अपनी विस्तारीकरण की रणनीति के तहत छोटे देशों को कर्ज दे रहा है। चीन ने मालदीव, पाकिस्तान और श्रीलंका को काफी कर्जा दिया है। श्रीलंका में चीन ने अपना खुद का बंदरगाह तैयार किया है। जहां वह अपनी व्यापारिक गतिविधियों को संचालित कर रहा है। हालांकि श्रीलंका में इसका विरोध शुरू हो गया है।
पूरे विश्व में अपने विस्तार की योजना बना रहा चीन की नजर छोटे देशों पर है। चीन छोटे देशों को अपने कर्ज के जाल में फंसा रहा है। ताकि उन पर कब्जा कर सके। असल में विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष(आईएमएफ) ने ये चेतावनी जारी की है कि चीन से लेने वाले देश बर्बाद हो सकते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व के आठ देश चीनी कर्ज के मकड़जाल में फंस गए हैं, जो बर्बाद होने के कगार पर हैं और इस में पाकिस्तान का नाम भी शामिल है।
असल में एशिया के अधिकांश देशों ने चीन से कर्ज लिया है। चीन भी अपनी विस्तारीकरण की रणनीति के तहत छोटे देशों को कर्ज दे रहा है। चीन ने मालदीव, पाकिस्तान और श्रीलंका को काफी कर्जा दिया है। श्रीलंका में चीन ने अपना खुद का बंदरगाह तैयार किया है। जहां वह अपनी व्यापारिक गतिविधियों को संचालित कर रहा है। हालांकि श्रीलंका में इसका विरोध शुरू हो गया है। क्योंकि श्रीलंका का कहना है कि चीन यहां से अपनी सैनिक गतिविधियों को भी संचालित कर सकता है।
वहीं मालदीव में चीन ने अपने उत्पादों के गोदाम बना लिए हैं। वहां की पिछली सरकार चीन के दबाव में थी। चीन का छोटे देशों को कर्ज देकर वहां पर एकाधिकार को बढ़ाने की रणनीति को देखते हुए आईएफएफ और विश्व बैंक का कहना है कि चीन से कर्ज लेने वाले देश बर्बाद हो सकते हैं। पूरे विश्व को कर्ज देने वाली इन दो बड़ी संस्थाओं की चेतावनी काफी अहम मानी जा रही है। आईएमएफ और विश्व बैंक के मुताबिक गरीब और छोटे देशों पर चीन का बढ़ता कर्ज और खराब हालात उन्हें मुश्किलों में ला सकता है।
एशिया के विकासशील देशों को चीन ने भारी भरकम कर्ज दिया हुआ है। जिसको लौटाना अभी इन देशों के लिए मुश्किल है। विश्व बैंक के हाल ही में नियुक्त हुए अध्यक्ष डेविड मलपास ने चेतावनी देते हुए कहा कि फिलहाल विश्व में खासतौर से 17 अफ्रीकी देश कर्ज संकट को झेल रहे हैं। वहीं कर्ज संकट का सामना करने वाले देशों की संख्या में इजाफा हो रहा है। उनका कहना है कि जो देश किसी अन्य देश को कर्ज देता है तो उसके लिए कोई तय मानक नहीं हैं। जिससे इन इन देशों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
विश्व बैंक और आईएफएफ का कहना है कि कर्ज की प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए दोनों संस्थाएं मिलकर काम कर रही हैं। वहीं हाल ही में सेंटर फॉर ग्लोबल डिवेलपमेंट रिसर्च की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दुनिया के करीब आठ देश चीनी कर्ज के कारण बर्बाद हो सकते हैं। इन देशों में तजाकिस्तान, जिबूती, मोंटेनेग्रो, किरगिस्तान, मंगोलिया, लाओस समेत मालदीव और पाकिस्तान का नाम प्रमुख है।