भारत के सामने 'मजबूत' नहीं 'मजबूर' हो गया है ड्रैगन, मॉस्को में मिले हैं सबूत

बहरहाल चीन बैकफुट पर है। एक तरफ वह भारत के खिलाफ मोर्चा खोल रहा है वहीं दूसरी तरफ पूरी दुनिया चीन के खिलाफ खड़ी हो रही है और उसकी साजिशों के बारे में खुलकर बोल रही है। 

Dragon has been 'forced', not 'strong' in front of India, evidence has been found in Moscow

नई दिल्ली। दुनिया भर में अपनी साजिशों को लेकर बदमान अब चीन मजबूत नहीं बल्कि मजबूर हो गया है। ये सब भारत सरकार की मजबूत रणनीति और घेरेबंदी के कारण हुआ है। इसका सबूत ये है कि मॉस्को में भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री के बीच आधिकारिक तौर पर बैठक तो हुई लेकिन चीन के रक्षामंत्री वेई फेंघे प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए राजनाथ से बात करने के लिए होटल तक पहुंच गए थे। वहीं चीनी रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने भारत से पिछले  80 दिन में 3 बार करने की गुजारिश की है।

बहरहाल चीन बैकफुट पर है। एक तरफ वह भारत के खिलाफ मोर्चा खोल रहा है वहीं दूसरी तरफ पूरी दुनिया चीन के खिलाफ खड़ी हो रही है और उसकी साजिशों के बारे में खुलकर बोल रही है। इसके साथ ही अब अमेरिका भी चीन के खिलाफ खुलकर मैदान में आ गया है और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ तौर से कहा कि चीन ने पूरी दुनिया में कोरोना का संक्रमण को फैलाया है। वहीं मॉस्को में चीन रक्षा मंत्री की ने कहा कि उन्होंने पिछले 80 दिनों में भारत सरकार से तीन बार बातचीत करने की कोशिश की है। इसके साथ ही मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मॉस्को में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री के बीच मुलाकात चीनी सरकार के अनुरोध पर की गई थी। यानी साफ है कि भारत ने लद्दाख विवाद के बाद चीन से बातचीत के दरवाजे बंद कर दिए हैं।

इसके साथ ही कहा जा रहा है कि दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच बातचीत को लेकर चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंघे उस होटल तक पहुंच गए। जहां रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ठहरे हुए थे।  जो खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच लंबी बातचीत चली और भारत ने चीन के झूठे दावों का पर्दाफाश किया। रक्षा मंत्री ने चीन रक्षा मंत्री से साफ कहा कि भारत अपने हक की एक इंच जमीन भी छोड़ेगा और हर कीमत पर इसकी रक्षा की जाएगी। बताया जा रहा है कि 29 और 30 अगस्त की रात को भारत के सैनिकों द्वारा रणनीतिक महत्व के चोटियों पर पकड़ मजबूत बनाने के बाद चीन मजबूर हो गया है और बातचीत का अनुरोध कर रहा है। 
 

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