ड्रैगन की चाल से एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से निकल सकता है पाक

By Team MyNation  |  First Published Jan 24, 2020, 7:49 AM IST

माना जा रहा है कि चीन पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकल सकता है। बीजिंग में हो रही एफएटीएफ की बैठक की अगुवाई इस बार चीन ही कर रहा है और वह इस बैठक का अध्यक्ष है। कश्मीर समेत तमाम मुद्दों पर पाकिस्तान के पक्ष में खड़ा रहने वाला चीन अब पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है। 

नई दिल्ली। भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान जल्द ही एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर आ सकता है। इसके लिए उसके आका ड्रैगन यानी चीन ने खुलकर पाकिस्तान का साथ देते हुए उसकी तारीफ की है। चीन ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद से निपटने के लिए अपने देश में अच्छा काम किया है। लिहाजा माना जा रहा है कि चीन पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकल सकता है। बीजिंग में हो रही एफएटीएफ की बैठक की अगुवाई इस बार चीन ही कर रहा है और वह इस बैठक का अध्यक्ष है।

कश्मीर समेत तमाम मुद्दों पर पाकिस्तान के पक्ष में खड़ा रहने वाला चीन अब पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है। चीन ने कुछ पश्चिमी देशों के साथ मिलकर पाकिस्तान को इस ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने और उसे ब्लैक लिस्ट होने से बचाने के लिए नई चाल चली है। फिलहाल बीजिंग में एफएटीएफ की बैठक हो चुकी है और चीन ने पाकिस्तान के पक्ष में कई तरह की दलीलें दी हैं। ताकि वह ग्रे लिस्ट से बाहर निकल जाए। चीन ने पाकिस्तान के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास किया है।

हालांकि पहले पाकिस्तान ने एफएटीएफ से एक्शन लेने के लिए और ज्यादा समय की मांग की थी। जिसको लेकर अभी फैसला नहीं हुआ है, लेकिन एफएटीएफ की बैठक में मौजूद भारत के अफसरों का मानना है कि पाकिस्तान अगले महीने एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर हो सकता है। क्योंकि चीन के समर्थन और कुछ पश्चिमी देशों के उसके साथ आने के कारण पाकिस्तान इस लिस्ट से बाहर आ सकता है। ये भारत के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। क्योंकि पाकिस्तान देश के विका्स के लिए मिलने वाले धन को आतंकियों के लिए खर्च करता है। 

 पाकिस्तान की तरफ से आतंकी फंडिंग व मनी लान्ड्रिंग रोकने के लिए उठाए गए कदमों की भी चीन ने तारीफ की और कहा कि पाकिस्तान को इस लिस्ट से बाहर किया जाना चाहिए। हालांकि चीन और पाकिस्तान की दलीलों का भारत ने विरोध किया है। भारत ने जो सबूत दिए उसके मुताबिक पाकिस्तान ने कुछ भी ऐसा नहीं किया है। जिसके बाद अब फैसला एफएटीएफ को लेना है। अगर एफएटीएफ पाकिस्तान की दलीलों से संतुष्ट नहीं होता है तो उसे ‘ब्लैक लिस्ट’ किया जा सकता है।
 

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