मोदी सरकार में नौकरियों की भरमार, पिछले दो सालों में आई 3.81 लाख नई नौकरियां

By Team MyNationFirst Published Jul 9, 2019, 6:31 PM IST
Highlights

पीएम नरेन्द्र मोदी के शासन काल में विपक्ष का सबसे बड़ा आरोप है कि इस दौरान रोजगार के अवसर कम हुए हैं। लेकिन आंकड़ों पर गौर किया जाए तो पता चलता है कि इस दौरान 3.81 लाख नए रोजगार के अवसर बढ़े हैं। 
 

नई दिल्ली: मोदी सरकार के शासन काल के दौरान पिछले दो सालों में सरकारी नौकरी के 3.81नए मौके बढ़े हैं। बजट 2019-20 के दस्तावेजों पर गौर करने पर पता चलता है कि  एक मार्च, 2017 तक सरकारी कर्मचारियों की संख्या 32,38,397 थी, जो एक मार्च, 2019 को बढ़कर 36,19,596 हो गई। इस तरह दो साल के दौरान सरकारी प्रतिष्ठानों में रोजगार के अवसरों में 3,81,199 का इजाफा हुआ।

 बजट दस्तावेजों के अनुसार इस अवधि में सबसे अधिक 98,999 लोगों को रेल मंत्रालय में नौकरी मिली। मार्च, 2017 में रेल मंत्रालय के कर्मचारियों की संख्या 12.7 लाख थी जो एक मार्च, 2019 को बढ़कर 13.69 लाख हो गई।

इसी दो साल की अवधि दौरान पुलिस बल में करीब 80,000 नई नौकरियां दी गई हैं।

रक्षा मंत्रालय में भी सिविल कर्मचारियों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। यहां 46,347 नए रोजगार के मौके बढ़े हैं। मार्च, 2017 में विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या 42,370 थी, जो मार्च, 2019 में बढ़कर 88,717 हो गई।

इन्हीं दो सालों में अप्रत्यक्ष कर विभाग में 53,000 और प्रत्यक्ष कर विभाग में 29,935 लोगों को रोजगार मिला। एक मार्च, 2017 को अप्रत्यक्ष कर विभाग के कर्मचारियों की संख्या 53,394 और प्रत्यक्ष कर विभाग में 50,208 थी। 

बजट दस्तावेजों से खुलाया हुआ है कि इन दो सालों में परमाणु ऊर्जा विभाग में करीब 10,000, दूरसंचार विभाग में 2,250, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनरोद्धार विभाग में 3,981 नए रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ।  

इसी अवधि में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में 7,743, खान मंत्रालय में 6,338, अंतरिक्ष विभाग में 2,920, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन विभाग में 2,056 और विदेश मंत्रालय में 1,833 रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ। 

वहीं संस्कृति मंत्रालय में 3,647, कृषि, सहकारिता और कृषक कल्याण विभाग में 1,835 और नागर विमानन मंत्रालय में 1,189 नई नौकरियां दी गईं। 

नोटबंदी के बाद से विपक्ष नौकरियों के अवसरों को लेकर हमेशा हमलावर रहा है। लेकिन बजट दस्तावेजों से मिले आकड़ों से पता चलता है कि सरकारी नौकरियों की संख्या बढ़ी है। 

हालांकि प्राईवेट सेक्टर की नौकरियों के बारे में कोई ठोस आकड़ा अभी तक सामने नहीं आ पाया है। 

click me!