शुक्रवार को संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 में 2020-21 के लिए 6% -6.5% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। सर्वेक्षण के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 4.5% रहने का अनुनान है जो मार्च 2013 के बाद सबसे कम है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार, भारत की जीडीपी 5% सालाना बढ़ने की उम्मीद है।
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 4.5 फीसदी रह सकती है, जो मार्च 2013 के बाद सबसे कम है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार, भारत की जीडीपी 5% बढ़ने की उम्मीद है । शुक्रवार को संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में 2019-20 में 2020-21 के लिए 6% -6.5% वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।
शुक्रवार को संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 में 2020-21 के लिए 6% -6.5% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। सर्वेक्षण के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 4.5% रहने का अनुनान है जो मार्च 2013 के बाद सबसे कम है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार, भारत की जीडीपी 5% सालाना बढ़ने की उम्मीद है।
उधर माल और सेवा कर (जीएसटी) के बेहतर संग्रह में वसूली की उम्मीद की जा रही है और सरकार को उम्मीद है कि जीएसटी संग्रह जनवरी 2020 में एक रिकॉर्ड को छू सकता है, जो पिछले साल नवंबर के बाद लगातार बढ़ रहा है। जीएसटी संग्रह लगातार दो महीनों के लिए 1 लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा है। सरकार को उम्मीद है कि ऑटोमोबाइल सेक्टर, औद्योगिक विकास में उत्साह देखने को मिल रहा है।
असल में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने अपनी दिसंबर की बैठक में चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में जीडीपी वृद्धि की शुरुआत करने की उम्मीद की थी। एमपीसी ने पिछले साल अप्रैल से सितंबर के बीच 4.8% की तुलना में 4.9% -5.5% की सीमा में जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया था। गौरतलब है कि बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाता है। जिसके जरिए चालू सत्र का लेखाजोखा होता है। इसके जरिए देश की अर्थव्यवस्था का पता चलता है।