मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से बुधवार, गुरुवार के बाद शनिवार को भी घण्टो पूछताछ की।
यह मामला लंदन में कुछ बेनामी संपत्तियों से जुड़ा है। मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में आरोप है कि लंदन में वाड्रा ने आर्म्स डीलर संजय भंडारी के सहयोग से 9 संपत्तियां खरीदीं।
2016 में आयकर विभाग को आर्म्स डीलर संजय भंडारी के घर छापेमारी के दौरान कुछ ईमेल्स का पता चला ,ये ईमेल्स 2009 से 2010 के बीच संजय भंडारी,उसके भतीजे सुमित चड्डा और रॉबर्ट वाड्रा के बीच हुए थे जिसके मुताबिक संजय भंडारी ने वाड्रा से संपत्तियों के रिनोवेशन के लिए फंड की मांग की।
वाड्रा ने कहा कि फंड का इंतज़ाम मनोज कर देगा। मनोज, वाड्रा का करीबी और वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटिलिटी का पूर्व कर्मचारी है। ईडी ने ऐसे कई मेल की ट्रेल सबूत के तौर पर रख वाड्रा से पूछताछ की।
हालांकि वाड्रा कहते रहे कि लंदन में न तो उनकी कोई संपत्ति है और न ही वो संजय भंडारी को जानते हैं। सबसे बड़ी संपत्ति लंदन की 12 ब्रायनस्टन स्क्वायर पर 19 लाख पाउंड की संपत्ति की खरीद में कथित रूप से धनशोधन के आरोप से संबंधित है। यह संपत्ति कथित तौर पर रॉबर्ट वाड्रा की है।
प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट से कहा था कि उसे लंदन की कई नयी संपत्तियों के बारे में सूचना मिली है जो वाड्रा की है। उनमें पचास और चालीस लाख पाउंड के दो घर और छह अन्य फ्लैट और अन्य संपत्तियां हैं। वाड्रा ने अवैध विदेशी संपत्ति से जुड़े आरोपों से इनकार किया है और आरोप लगाया कि राजनीतिक हित साधने के लिये उन्हें ‘परेशान’ किया जा रहा है।
पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में छापा मारा थाऔर वाड्रा से जुड़ी कंपनी स्काईलाईट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी के कर्मचारी मनोज अरोड़ा और अन्य से पूछताछ की थी।