कई एनजीओ ईडी की जांच के दायरे में हैं। इनका हाफिद सईद से संबंध होने का संदेह है। ऐसी आशंका है कि ये एनजीओ टेरर नेटवर्क के लिए पैसे की व्यवस्था करने का काम कर रहे हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भारत में आतंकवाद के मददगारों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। मोस्ट वांटेड आतंकी और प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद से जुड़े लोग खास तौर से एजेंसी के निशाने पर हैं। इन लोगों का संबंध जम्मू-कश्मीर से है।
जांच एजेंसी के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, ईडी सईद से जुड़ी कई संत्तियों की पड़ताल करने की प्रक्रिया में है। एजेंसी का मानना है कि इन संपत्तियों को बेनामी संपत्ति के तौर पर बनाया गया है।
सूत्रों ने 'माय नेशन' को बताया कि कई एनजीओ ईडी की जांच के दायरे में हैं। इनका हाफिद सईद से संबंध होने का संदेह है। ऐसी आशंका है कि ये एनजीओ टेरर नेटवर्क के लिए पैसे की व्यवस्था करने का काम कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने कुछ ऐसे एनजीओ की भी पहचान की है, जिन्हें आतंकी हमलों और दूसरी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया गया।
कश्मीर घाटी समेत ईडी ने सईद की छह ऐसी बेनामी संपत्ति की पहचान की है, जो छद्म तरीके से खरीदी गई हैं। एजेंसी इस समय टेरर फंडिंग से संबंधित 13 मामले देख रही है।
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ईडी सईद से जुड़ी 14 संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी में हैं। इससे पहले एजेंसी ने श्रीनगर स्थित बिजनेसमैन जहूर अहमद शाह वटाली का पता लगाया था, जिसकी मदद से आतंकी गतिविधियों के लिए पैसे उपलब्ध कराए जा रहे थे।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने टेरर फंडिंग के आरोपों में पिछले साल वटाली को गिरफ्तार किया था। वटाली को हाफिज सईद के फाइनेंशरों में से एक समझा जाता है।
हाफिज सईद पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तय्यबा का भी संस्थापक है। लश्कर के आतंकियों ने ही मुंबई में साल 2008 में हुए हमले को अंजाम दिया था।